कांग्रेस के चार अध्यक्ष अपनी सीट पर उलझे, कार्यकारी अध्यक्ष खुद चुनाव तैयारी में जुटे

गणेश गोदियाल को प्रदेश अध्यक्ष बनाने के साथ ही रणजीत सिंह रावत भुवन कापड़ी तिलकराज बेहड़ और प्रोफेसर जीतराम को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया था। परिवर्तन यात्रा समेत पार्टी के बड़े कार्यक्रमों में सभी एकजुट भी नजर आए।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Sat, 27 Nov 2021 08:59 AM (IST) Updated:Sat, 27 Nov 2021 08:59 AM (IST)
कांग्रेस के चार अध्यक्ष अपनी सीट पर उलझे, कार्यकारी अध्यक्ष खुद चुनाव तैयारी में जुटे
सभी कार्यकारी अध्यक्ष अपनी-अपनी सीट पर खुद के लिए मेहनत करने में जुटे हैं।

गोविंद बिष्ट, हल्द्वानी : जुलाई के अंत में कांग्रेस ने पंजाब फार्मूले की तर्ज पर उत्तराखंड में संगठन में बड़ा बदलाव किया था। गणेश गोदियाल को प्रदेश अध्यक्ष बनाने के साथ चार कार्यकारी अध्यक्ष भी नियुक्त किए गए थे। कार्यकारी अध्यक्षों की घोषणा को लेकर क्षेत्रीय व जातिगत समीकरणों पर खासा फोकस किया गया था। ताकि चुनाव के दौरान पार्टी को और मजबूत किया जा सके। लेकिन पार्टी के चारों कार्यकारी अध्यक्ष अपनी सीट पर उलझे हुए हैं। हर कोई चुनावी तैयारी में जुटा है। ऐसे में इनके लिए अन्य सीटों पर प्रचार करना मुश्किल है। 

गणेश गोदियाल को प्रदेश अध्यक्ष बनाने के साथ ही रणजीत सिंह रावत, भुवन कापड़ी, तिलकराज बेहड़ और प्रोफेसर जीतराम को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया था। परिवर्तन यात्रा समेत पार्टी के बड़े कार्यक्रमों में सभी एकजुट भी नजर आए। लेकिन इसके अलावा सभी कार्यकारी अध्यक्ष अपनी-अपनी सीट पर खुद के लिए मेहनत करने में जुटे हैं।

रणजीत सिंह रावत रामनगर, भुवन कापड़ी खटीमा, तिलकराज बेहड़ किच्छा सीट से दावेदार है। वहीं, प्रोफेसर जीतराम पूर्व में थराली सीट से विधायक रह चुके हैं। थराली को कुमाऊं व गढ़वाल की बार्डर सीट कहा जाता है। यह गढ़वाल के चमोली जिले में होती है। वहीं, चारों कार्यकारी अध्यक्षों के मुकाबले अकेले पूर्व सीएम व चुनाव संचालन समिति के अध्यक्ष हरीश रावत ही प्रचार में जुटे हैं। उत्तराखंड के मैदान से लेकर पहाड़ी इलाकों में उनके दौरे लगातार जारी है। जनसभा, पदयात्रा और रैली के बाद फुरसत मिलते ही वह इंटरनेट मीडिया के जरिये भाजपा को घेरने में कोई मौका नहीं छोड़ते।

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