मामाओं के नाम पर खोला था एचएन स्कूल, आभार जताने के एनडी अंदाज का आप भी हो जाएंगे मुरीद

स्कूलों की इमारतों में जब नींव का पत्थर लगाया गया होगा तो उसके पीछे भी कोई न कोई कारण जरूर रहा होगा। हल्द्वानी शहर के बीचोंबीच स्थित एक स्कूल ऐसा भी है जिसके बनने की पीछे की वजह यदि आप जानेंगे तो वाकई हैरान होंगे।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Sat, 28 Nov 2020 09:08 AM (IST) Updated:Sat, 28 Nov 2020 09:08 AM (IST)
मामाओं के नाम पर खोला था एचएन स्कूल, आभार जताने के एनडी अंदाज का आप भी हो जाएंगे मुरीद
मामाओं के नाम पर खोला था एचएन स्कूल।

हल्द्वानी, भानु जोशी: आमतौर पर स्कूलों को आज के दौर में केवल बच्चों के पढऩे, वोटिंग कराने की नजर से ही मुफीद माना जाता हो मगर, इन स्कूलों की इमारतों में जब नींव का पत्थर लगाया गया होगा तो उसके पीछे भी कोई न कोई कारण जरूर रहा होगा। हल्द्वानी शहर के बीचोंबीच स्थित एक स्कूल ऐसा भी है जिसके बनने की पीछे की वजह यदि आप जानेंगे तो वाकई हैरान होंगे। दो भाईयों ने अपने भांजे को अच्छी शिक्षा दिलाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। जब भांजा पढ़ लिखकर काबिल बना तो उसने अपने दोनों मामाओं के नाम पर ही गरीब बच्चों के लिए एक स्कूल खोल दिया। मामाओं के प्रति कृतज्ञता जताने वाला ये भांजा और कोई नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश के भूतपूर्व मुख्यमंत्री स्‍व. एनडी तिवारी हैं। जी हां, एनडी तिवारी जब पहली बार विधायक बने थे तो उन्होंने शहर में एचएन स्कूल की स्थापना की थी। उस समय उत्तराखंड अलग राज्य नहीं बना था। इसी स्कूल से सेवानिवृत्त हुए राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त शिक्षक बिपिन चंद्र पांडे ने दैनिक जागरण को इस स्कूल के बारे में वो बातें बताई जो शायद नई पीढ़ी को मालूम न हो।

हरिदत्त-नियत्यानंद था भाईयों का नाम

भूतपूर्व सीएम एनडी तिवारी के दोनों मामाओं का नाम हरिदत्त और नित्यानंद था। उन्होंने इसी वजह वर्ष 1965 में स्थापना के दौरान स्कूल का नाम एचएन स्कूल रखा। उस समय इस स्कूल में दसवीं कक्षा तक की पढ़ाई होती थी। वर्ष 1979 में उच्चीकरण हुआ तो स्कूल का नाम एचएन इंटर कालेज हो गया।

डेस्क-कुर्सी खुद लाते थे बच्चे

एक समय था जब स्कूल क्षेत्र में खासा लोकप्रिय था। हर कक्षा में इतने अधिक बच्चे दाखिला ले लेते थे कि जिस बच्चे को बाद में एडमिशन मिलता था उसे अपने लिए डेस्क और कुर्सी खुद लानी होती थी। इसके लिए स्कूल प्रबंधन की ओर से बच्चे को एक पर्ची देकर एक दुकान में भेजा जाता था जहां से उसे ये सब निश्शुल्क मिल जाता था।

जाने कौन थे पहले प्रबंधक और चेयरमैन

एचएन इंटर कालेज के पहले प्रबंधक मोतीराम सांगुड़ी बने। जो कि बाद में विधायक भी रहे। वहीं पहला चेयरमैन बनने का गौरव हीरा बल्लभ बेलवाल को प्राप्त है। वर्तमान में उनके पुत्र महेश बेलवाल इस विद्यालय के प्रबंधक हैं। इन सभी ने स्कूल को ऊंचाईयों तक पहुंचाया।

chat bot
आपका साथी