मनरेगा कर्मी के समर्थन में उतरे पूर्व सीएम हरदा, कहा-लोकतांत्रिक अधिकार मांगने पर ये कैसा जुल्म
पूर्व सीएम हरीश रावत ने मनरेगा कर्मी का खुला समर्थन करते हुए राज्य सरकार पर तीखे प्रहार किए हैं। पूछा है कि मनरेगा कर्मी का दोष क्या है। इसे बदले की कार्रवाई बताते हुए हरदा ने लोकतांत्रिक अधिकारों के लिए लिए लडऩे वालों पर जुल्म करार दिया।
जागरण संवाददाता, द्वाराहाट : जिला प्रशासन के मनरेगा कर्मचारी की सेवा समाप्ति संबंधी फरमान के बाद जहां आंदोलनकारियों के तेवर और तल्ख हो गए हैं। वहीं पूर्व सीएम हरीश रावत ने मनरेगा कर्मी का खुला समर्थन करते हुए राज्य सरकार पर तीखे प्रहार किए हैं। पूछा है कि मनरेगा कर्मी का दोष क्या है। इसे बदले की कार्रवाई बताते हुए हरदा ने लोकतांत्रिक अधिकारों के लिए लिए लडऩे वालों पर जुल्म करार दिया। इधर आंदोलनकारियों ने मंगलवार को ब्लॉक मुख्यालय में तालाबंदी कर काम रोको आंदोलन का ऐलान किया है। वहीं बर्खास्त मनरेगा कर्मी ने बुधवार से आमरण अनशन की घोषणा की है।
मनरेगा कर्मचारी की पुनर्बहाली को लेकर ब्लॉक मुख्यालय के गेट पर क्रमिक अनशन के छठे दिन सोमवार को धरमगांव के प्रधान कमल किशोर तथा नवल जोशी बैठे। मौके पर जांच आख्या के हवाले से सीडीओ के बयान पर आंदोलनकारियों ने रोष जता शासन प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। बर्खास्त कर्मचारी नारायण रावत ने सभी आरोपों को खारिज कर न्यायालय में जाने की धमकी दी। कहा कि अभी तक फर्जी शिकायतकर्ता परमानंद कांडपाल को खोजने में नाकाम प्रशासन सत्तासीन नेताओं के दबाव में ऐसे फैसले ले रहा है। साथ ही मंगलवार को ब्लॉक मुख्यालय में तालाबंदी के बाद २८ जुलाई से आमरण अनशन पर बैठने की चेतावनी दी है। आंदोलन को समर्थन देने के लिए कई ग्रामप्रधान भी सोमवार को धरने पर बैठे। जिसमें प्रमुख रूप से ग्रामप्रधान संगठन उपाध्यक्ष रमेश बोरा, संजय नेगी, संतोष चौधरी, योगेश भट्ट, पूजा आगरी, जगदीश चंद्र, भीमदेव शामिल रहे।
क्या बोले हरदा
फेसबुक के जरिये पूर्व सीएम हरदा ने राज्य सरकार पर तीखे तंज कसे। कहा है कि भाजपा नारायण सिंह की बर्खास्ती रद नहीं होने देगी और पुन: सेवारत नहीं करेगी तो कांग्रेस सत्ता में आने के बाद इस पुण्य काम को करेगी। एरियर के साथ नारायण सिंह के अधिकार उन्हें प्रदान करेगी।