फारेस्‍ट कर्मियों को आधी सेवा दुर्गम में देनी होगी, तभी मिलेगी मनमाफिक पोस्टिंग की अनुमति

दुर्गम स्थानों की सेवा में तबादला रुकवाने के लिए राजनीतिक व अफसरों के माध्यम से दबाव बनाने वाले कर्मचारियों के लिए बुरी खबर है। वन महकमे ने तो साफ दिशा निर्देश जारी कर दिए कि कुल सेवा में आधी दुर्गम स्थान पर देनी होगी!

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Wed, 21 Jul 2021 11:27 AM (IST) Updated:Wed, 21 Jul 2021 05:50 PM (IST)
फारेस्‍ट कर्मियों को आधी सेवा दुर्गम में देनी होगी, तभी मिलेगी मनमाफिक पोस्टिंग की अनुमति
फारेस्‍ट कर्मियों को आधी सेवा दुर्गम में देनी होगी, तभी मिलेगी मनमाफिक पोस्टिंग की अनुमति

नैनीताल, जागरण संवाददाता : दुर्गम स्थानों की सेवा में तबादला रुकवाने के लिए राजनीतिक व अफसरों के माध्यम से दबाव बनाने वाले कर्मचारियों के लिए बुरी खबर है। वन महकमे ने तो साफ दिशा निर्देश जारी कर दिए कि कुल सेवा में आधी दुर्गम स्थान पर देनी होगी, तभी कार्मिक तबादला अधिनियम के अंतर्गत दुर्गम स्थल की सेवा के बाद पदोन्नति या तबादला दुर्गम स्थल पर होने पर ही आपत्ति दाखिल कर सकेंगे। कार्मिक द्वारा इस आशय का बंधक पत्र देना होगा।

दरअसल मंगलवार को मुख्य वन संरक्षक मानव संसाधन विकास एवं कार्मिक मनोज चंद्रन की ओर से वन विभाग में 45 कनिष्ठ सहायक से वरिष्ठ सहायक में पदोन्नति के साथ तबादला सूची जारी की है। इसी सूची के साथ ही दिशा निर्देशों के सख्ती से अनुपालन की अपेक्षा की है। साफ किया है कि सूची में शामिल कर्मियों को कोविड के दौर में निकटवर्ती क्षेत्रों में तबादला किया है। ऐसे में किसी के भी स्थान परिवर्तन का आवेदन ना अग्रसारित किया जाय, ना ही उन्हें मुख्यालय आने की अनुमति दी जाए।

प्रमुख वन संरक्षक की ओर से कहा गया है कि पदोन्नत कार्मिक द्वारा यदि पदोन्नति का परित्याग किया जाता है तो उसके विरुद्ध उत्तराखण्ड राज्यधीन सेवाओं में पदोन्नति का परित्याग नियमावली, 2020 के तहत कार्रवाई की जायेगी। उत्तराखण्ड लोक सेवकों के लिए वार्षिक स्थानान्तरण अधिनियम, 2017 की धारा 19(2) में उल्लिखित संक्रमण काल की अवधि को न्यूनतम दो वर्ष अर्थात दिनांक 30 जून 2022 तक की अवधि हेतु विस्तारित किये जाने की अनुमति प्रदान की गयी है। जिन कार्मिकों ने अपने सेवाकाल के आधे भाग की सेवा दुर्गम स्थान पर नहीं की गयी है और उन्हें सुगम स्थान में तैनाती दे दी गयी तो ऐसे में मामलों में सख्‍ती बरती जाए। नियंत्रक अधिकारी द्वारा उनकी पदोन्नति तभी स्वीकार की जाय जब वह इस आशय का बंधक पत्र प्रस्तुत करेंगे कि भविष्य में दुर्गम स्थल की सेवा पूर्ण करने हेतु उनका स्थानान्तरण अथवा पदोन्नति दुर्गम स्थल में होने पर वह कोई आपत्ति नहीं करेंगे।

पदोन्नति आदेश के जारी होने की तिथि से 15 दिन के अन्तर्गत उपरोक्त शर्तों के अधीन अपनी पदोन्नति पर योगदान देना सुनिश्चित करें, यदि निर्धारित तिथि तक योगदान नहीं दिया जाता है तो यह समझा जायेगा कि संबंधित कार्मिक द्वारा पदोन्नति का परित्याग किया गया है। साथ ही पदोन्नति आदेश स्वतः निरस्त माना जायेगा। विभागीय अधिकारियों से यह भी कहा है कि यदि कार्मिक द्वारा पदोन्नति स्वीकार नहीं की जा रही हो तो कार्मिक से लिखित रूप में इस आशय का पत्र प्राप्त कर तत्काल इस कार्यालय को प्रेषित करें।

चहेतों को एक ही दफ्तर में पदोन्नति व तबादला

वन विभाग की सूची में एक दर्जन से अधिक ऐसे कार्मिकों को उसी कार्यालय में पदोन्नति के साथ तबादला भी किया गया है। सूत्रों के अनुसार जिला व प्रभाग स्तर के अफसरों के खास कार्मिकों को ही यह सुविधा नसीब हो पाई है। इसमें नैनीताल के साथ ही अन्य जिलों के कार्मिक शामिल हैं।

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