1916 में नैनीताल में वन संरक्षण व दावानल नियंत्रण की हुई शुरुआत

सरोवर नगरी नैनीताल में वन संरक्षण व दावानल नियंत्रण की शुरुआत आधिकारिक रूप से 1916 से ही शुरू हो गई थी। नैनीताल प्रभागीय वनाधिकारी को पहली नियुक्ति ई ए समैथिस की हुई थी। नैनीताल से ही वन महोत्सव की शुरुआत हुई थी।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Wed, 03 Mar 2021 09:39 AM (IST) Updated:Wed, 03 Mar 2021 09:39 AM (IST)
1916 में नैनीताल में वन संरक्षण व दावानल नियंत्रण की हुई शुरुआत
1916 में नैनीताल में वन संरक्षण व दावानल नियंत्रण की हुई शुरुआत

नैनीताल, जागरण संवाददाता : सरोवर नगरी नैनीताल में वन संरक्षण व दावानल नियंत्रण की शुरुआत आधिकारिक रूप से 1916 से ही शुरू हो गई थी। नैनीताल प्रभागीय वनाधिकारी को पहली नियुक्ति ई ए समैथिस की हुई थी। नैनीताल से ही वन महोत्सव की शुरुआत हुई थी। वन विभाग की नगरपालिका रेंज 1976 में स्वतंत्र रूप से काम करने लगी थी।  

व्यू प्वॉइंट है डीएफओ दफ्तर

चिड़ियाघर परिसर की चोटी में स्थापित डीएफओ कार्यालय ऐसा व्यू प्वॉइंट है, जहां से गरमपानी, खैरना से लेकर नानकमत्ता डेम तक नजर आता है। इसके अलावा नैनीताल शहर का भी विहंगम दृश्य पर्यटकों को आकर्षित करता है।

तो शिफ्ट नहीं होगा कार्यालय

डीएफओ कार्यालय अब चीफ कुमाऊं वाले हैरिटेज भवन में शिफ्ट नहीं होगा। चिड़ियाघर जाने वाली चढ़ाई तथा चिड़ियाघर से रास्ता होने की वजह से कार्यालय शिफ्ट करने का प्रस्ताव था। बताया जाता है कि अब इस कार्यालय को शिफ्ट करने की प्रक्रिया रुक गई है। अलबत्ता वन संरक्षक कुमाऊं व ओक पार्क स्थित डीएफओ वन वर्धनिक कार्यालय के रानीबाग शिफ्ट करने की कार्रवाई चल रही है।

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