चार वर्षों से खस्ताहाल सड़क की सुध न ली तो बैठे धरने पर, प्रशासन को सप्ताहभर की मोहलत
प्राचीन रानीधारा नौला के पास धरना दे तंत्र को जगाने का प्रयास किया। नारेबाजी भी की। जिला प्रशासन व संबंधित विभाग को सप्ताहभर का अल्टीमेटम देते हुए चेताया कि यदि रोड की मरम्मत न की गई तो बेमियादी आंदोलन शुरू कर दिया जाएगा।
जागरण संवाददाता, अल्मोड़ा : खस्ताहाल रानीधारा रोड की सुध न ली गई तो नगरवासियों का धैर्य जवाब दे गया। बार बार चेतावनी के बावजूद बद्तर हालत में पहुंच चुकी सड़क के गड्ढे पाट डामरीकरण न कराए जाने से गुस्साए लोग सड़क पर उतर आए। प्राचीन रानीधारा नौला के पास धरना दे तंत्र को जगाने का प्रयास किया। नारेबाजी भी की। जिला प्रशासन व संबंधित विभाग को सप्ताहभर का अल्टीमेटम देते हुए चेताया कि यदि रोड की मरम्मत न की गई तो बेमियादी आंदोलन शुरू कर दिया जाएगा।
जिला मुख्यालय की पुरानी आंतरिक सड़कों में शुमार रानीधारा धारकी तुनी रोड अरसे से बदहाल पड़ी है। रखरखाव के अभाव में हर दो कदम पर गड्ढे हादसों का दावत दे रहे। नगर के लोग लंबे समय से मरम्मत की मांग उठाते आ रहे हैं। मगर कोई सुनवाई न हुई तो बुधवार को लोग तंत्र के खिलाफ उतर आए। नौला के पास धरने पर बैठे। कहा कि बीते चार वर्षों से सड़क खस्ताहाल है। जिला प्रशासन से भी गुहार लगाई गई। इसके बावजूद कोई कार्यवाही नहीं हुई। क्षेत्रवासियों ने साफ कहा कि सप्ताहभर में सड़क का मरम्मत कार्य शुरू न हुआ तो मजबूरन आंदोलन छेडऩा पड़ेगा। धरने पर सतीश चंद्र पाठक, कौशल सक्सेना, मथुरा दत्त पांडे, मुकुल पंत, कवींद्र पंत, विरेंद्र सिंह, दिनेश पांडे, वैभव पांडे, चतुर सिंह, प्रेमा पांडे, त्रिलोचन जोशी, प्रेमा पांडे, सुनीता पांडे, विजय तिवारी, क्षितिज पांडे, प्रतिभा पंत, कमला तिवारी, पुष्पा तिवारी, राहुल अधिकारी, उज्ज्वल जोशी, दीपक साह, गौरव राठोर आदि बैठे।
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