खेत सूखे, जंगल भी आग की चपेट में, पशुपालक नहीं कर पा रहे हैं चारे का इंतजाम

जंगलों में धधकती आग से पशुपालकों के आगे चारे का भारी संकट खड़ा कर दिया है। बारिश ना होने से खेत भी सूखे पड़े हैं ऐसे में पशुपालकों को पैसा खर्च कर बाजार से चारा खरीदना पड़ रहा है।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Mon, 12 Apr 2021 12:08 PM (IST) Updated:Mon, 12 Apr 2021 12:08 PM (IST)
खेत सूखे, जंगल भी आग की चपेट में, पशुपालक नहीं कर पा रहे हैं चारे का इंतजाम
खेत सूखे, जंगल भी आग की चपेट में, पशुपालक नहीं कर पा रहे हैं चारे का इंतजाम

गरमपानी, संवाद सहयोगी : जंगलों में धधकती आग से पशुपालकों के आगे चारे का भारी संकट खड़ा कर दिया है। बारिश ना होने से खेत भी सूखे पड़े हैं ऐसे में पशुपालकों को पैसा खर्च कर बाजार से चारा खरीदना पड़ रहा है। लोगों ने पशुपालन विभाग से पशुपालकों को मवेशियों के लिए निशुल्क चारा उपलब्ध कराए जाने की मांग की है।

पर्वतीय क्षेत्रों में पशुपालकों के आगे बढ़ा संकट पैदा हो गया है। बारिश ना होने से खेत सूखे पड़े हैं तो वही जंगलों में धधकती आग से वनो में चारा पत्ती जलकर खाक हो चुकी है। जिस कारण पशुपालकों को मवेशियों के चारा के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है। हालात बिगड़ते जा रहे हैं। कई पशुपालक बाजार से चारा खरीदने को मजबूर है तब जाकर मवेशियों को चारा मुहैया कराया जा रहा है। बाजार से चारा खरीदने से पशुपालकों को नुकसान उठाना पड़ा है जिससे आर्थिक स्थिति भी बिगड़ रही है। पेयजल संकट भी पशुपालकों के लिए दिक्कत बढ़ा रहा है। 

मवेशियों को दूरदराज ले जाकर बमुश्किल हलक तर हो रहे हैं। चौतरफा संकट से घिरे पशुपालक परेशान हो चुके है। बेतालघाट ही नहीं बल्कि रामगढ़ व ताडी़खेत ब्लॉक के पशुपालक भी लगातार बिगड़ रहे हालातों से परेशान हैं। कई पशुपालक पशुपालन का कार्य छोड़ने का तक मन बना चुके हैं। महेंद्र सिंह बिष्ट, दलीप सिंह, राजेंद्र सिंह, वीरेंद्र सिंह, कुंदन सिंह आदि लोगों ने पशुपालन विभाग से पशुपालकों को मवेशियों के लिए निशुल्क चारा उपलब्ध कराए जाने की पुरजोर मांग उठाई है।कहा की उपेक्षा कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। दो टूक चेतावनी दी है कि यदि पशुपालकों के हितों से खिलवाड़ किया गया तो आंदोलन की रणनीति तैयार की जाएगी।

Uttarakhand Flood Disaster: चमोली हादसे से संबंधित सभी सामग्री पढ़ने के लिए क्लिक करें

chat bot
आपका साथी