विनीत के बांसुरी की मधुर धुन श्राेताओं को कर देती है मुग्ध, विदेशों में दे चुके हैं प्रस्तुति
साहस वाले वैभव नही चुना करते आसफलता पर मस्तक नही धुना करते पग पग पर आगे बढ़ने का अभ्यास जिन्हें है वह लोग मीलों के पत्थर नही गिना करते। यह पक्तियां रामनगर के विनीत रिखाड़ी पर सटीक बैठती हैं जिन्होंने संगीत की दुनिया मे बांसुरी को चुना।
रामनगर, जागरण संवाददाता : साहस वाले वैभव नही चुना करते, आसफलता पर मस्तक नही धुना करते, पग पग पर आगे बढ़ने का अभ्यास जिन्हें है, वह लोग मीलों के पत्थर नही गिना करते। यह पक्तियां रामनगर के विनीत रिखाड़ी पर सटीक बैठती हैं, जिन्होंने संगीत की दुनिया मे बांसुरी को चुना। आज वह अपनी बांसुरी की मधुर धुन देश में ही नहीं विदेशों में भी सुनाकर उत्तराखण्ड का नाम रोशन कर रहे हैं।
विनीत के बांसुरी की धुन थाईलैंड के व्यापारी प्रिंस राजेश को इतनी भायी की उन्होंने अपनी बेटी स्वीटी के विवाह समारोह में आयोजित संगीत समारोह में दस दिसम्बर को आमंत्रित किया था। थाईलैंड में आयोजित विवाह समारोह में मौजूद संगीत प्रेमी उनके इस हुनर को सुनकर मुग्ध हो गए। विनीत अब तक कई देशों में बांसुरी की धुन से लोगों को अपना मुरीद बना चुके हैं।
इन स्थानों पर कर चुके है बांसुरी वादन
विनीत बताते हैं कि अब तक वह थाईलैंड, जयपुर, दिल्ली, कलकत्ता, ग्वालियर, ओरछा में अपनी प्रस्तुति दे चुके हैं। वर्तमान में कॉर्बेट नेशनल पार्क में रामनगर के ढिकुली के रिसोर्ट के लिए बांसुरी वादन कर रहे हैं। और कई बार उज्ज्वला योग संस्थान में योग गुरु श्री नितिन ढोमने जी के साथ ध्यान योग में भी अपनी धुन सुना चुके हैं।
ऐसे मिली प्रेरणा
विनीत कहते हैं कि बांसुरी वादन का दौर करीब आठ साल पहले शुरू हुआ। जब मैंने किसी बांसुरी वादक को कांवर यात्रा के दौरान श्री गंगा माँ के किनारे बजाते हुए देखा। तब से थोड़ा बहुत मैंने वादन शुरू किया । उस समय कोसी रोड हरीश शर्मा जी से इसकी क्लास लेनी शुरू की। इसके बाद फिर हल्द्वानी स्वर साधना संगम विद्यालय में हरीश पंत जी से बारीकियां सीखीं । कई बार यूट्यूब से भी ऑनलाइन क्लास ली है बांसुरी वादन के गुर सीखे।
मिल चुका है अवार्ड
2019 में गायकी के साथ बांसुरी वादन में वह अवार्ड भी जीत चुके हैं। महानगरों के अलावा नैनीताल, हल्द्वानी, रामनगर, काशीपुर में अपनी प्रस्तुति दे चुके हैं। लॉकडाउन के चलते उनके दिल्ली, कलकत्ता, मद्रास आदि स्थानों के कार्यक्रम रद्द हो गए हैं। कहते हैं बांसुरी बजाने का अपना अलग आनंद है। लोगों के अलग-अलग शौक हो सकते हैं पर मेरे जीवन में बांसुरी वादन ने मुझे अपने शहर के अलावा कई स्थानों पर लोगों के बीच पहचान बनाने में मदद की है।
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