अल्‍मोड़ा में अपहरण व दुष्कर्म के प्रयास के मामले में पांच साल की कैद, 25 हजार अर्थदंड भी लगाया

दिव्यांग लड़की के अपहरण की कोशिश में अभियुक्त को तीन वर्ष व दुष्कर्म के प्रयास पर पांच साल के कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही 25 हजार अर्थदंड भी लगाया है। अर्थदंड अदा न करने पर एक वर्ष का कारावास भोगना होगा।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Tue, 06 Apr 2021 06:47 PM (IST) Updated:Tue, 06 Apr 2021 06:47 PM (IST)
अल्‍मोड़ा में अपहरण व दुष्कर्म के प्रयास के मामले में पांच साल की कैद, 25 हजार अर्थदंड भी लगाया
अर्थदंड अदा न करने पर एक वर्ष का कारावास भोगना होगा।

जागरण संवाददाता, अल्मोड़ा : लैंगिक अपराध के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश मनीष कुमार पांडेय की अदालत ने दिव्यांग लड़की के अपहरण की कोशिश में अभियुक्त को तीन वर्ष व दुष्कर्म के प्रयास पर पांच साल के कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही 25 हजार अर्थदंड भी लगाया है। अर्थदंड अदा न करने पर एक वर्ष का कारावास भोगना होगा।

मामला वर्ष 2019 का है। तालगांव चौखुटिया व हाल मल्ली मिरई (द्वाराहाट) निवासी बीरबल पुत्र कमल सिंह के खिलाफ दिव्यांग लड़की के अपहरण व दुष्कर्म के प्रयास में मुकदमा दर्ज किया गया था। घटना की रात पीडि़ता की दादी ने शोर मचाया कि उसकी पोती को बाघ उठा ले गया। आसपास के लोग एकत्र हुए। लड़की को तलाशा गया। तभी गोशाला व खेत की ओर झाड़ी के पास आरोपित बीरबल को दबोच लिया गया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।

मंगलवार को अपर सत्र न्यायाधीश मनीष कुमार पांडेय की अदालत में सुनवाई हुई। जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) पूरन सिंह कैड़ा, सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) शेखर नैलवाल व विशेष लोक सूचना अभियोजक भूपेंद्र कुमार जोशी ने मामले की सबल पैरवी की। तथ्यों के परीक्षण व दलीलें सुनने के बाद अपर सत्र न्यायाधीश ने दिव्यांग लड़की के अपरण के प्रयास में तीन साल का कारावास तथा पांच हजार रुपये अर्थदंड सुनाया। जुर्माना अदा न करने पर तीन माह के अतिरिक्त कारावास की व्यवस्था दी। दुष्कर्म की कोशिश में अभियुक्त को पांच वर्ष की कैद व 20 हजार रुपये का अर्थदंड सुनाया। अदालत ने यह भी व्यवस्था दी कि जिला कारागार में बिताई गई अवधि इस सजा में समायोजित की जाएगी। 

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