रिटायर आइएएस का मृत प्रमाण पत्र दर्शाकर जायदाद हड़पने के आरोपी को पांच साल की कैद

रिटायर आइएएस का मृत प्रमाण पत्र दर्शाकर कागजों में उसकी पुश्तैनी जायजाद को अपने नाम कराकर धोखाधड़ी के आरोपित को कोर्ट ने सजा सुनाई है।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Wed, 20 Nov 2019 12:05 PM (IST) Updated:Thu, 21 Nov 2019 11:11 AM (IST)
रिटायर आइएएस का मृत प्रमाण पत्र दर्शाकर जायदाद हड़पने के आरोपी को  पांच साल की कैद
रिटायर आइएएस का मृत प्रमाण पत्र दर्शाकर जायदाद हड़पने के आरोपी को पांच साल की कैद

काशीपुर (ऊधमसिंह नगर) जेएनएन : रिटायर आइएएस का मृत प्रमाण पत्र दर्शाकर कागजों में उसकी पुश्तैनी जायजाद को अपने नाम कराकर धोखाधड़ी के आरोपित को कोर्ट ने सजा सुनाई है। अलग-अलग धाराओं में आरोपित को पांच-पांच साल का कठोर कारावास और एक-एक हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई है।

सरिता बिहार नई दिल्ली निवासी रिटायर आइएएस शहजाद बहादुर पुत्र कैलाश बहादुर ने 18 मई 2012 को कोतवाली में तहरीर देकर बताया था कि वह मूलत: मोहल्ला रहमखानी, काशीपुर के निवासी हैं और वहां उसका पुश्तैनी मकान हैं। नगर निगम के रिकार्ड में 2000-2001 तक यह संपत्ति दर्ज थी। उस मकान में विजय गुप्ता और उसका पुत्र संजय गुप्ता किराएदार थे। आरोप है कि किराएदार विजय कुमार गुप्ता ने 2000 में उन्हें मृत दर्शाकर फर्जी वसीयतनामा उसके हस्ताक्षर कर बना लिया था। जिसमें आरोपित विजय ने लिखा था कि उनके मरने के बाद जायदाद का मालिक वह खुद होगा। उसने नगर पालिका के अभिलेखों में अपना नाम दर्ज करा लिया। कोतवाली पुलिस ने इस मामले में 23 मई को आरोपित पिता-पुत्र के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया था।

सहायक अभियोजन अधिकारी अनुज कुमार साहनी ने बताया कि शहजाद 2005 में काशीपुर आए तो पता चला कि किराएदार विजय कुमार गुप्ता की मृत्यु हो चुकी है। उसका पुत्र संजय गुप्ता उसके मकान पर कब्जा जमाए बैठा हैं। किरायेदार संजय ने वादी से मकान खाली कर संपत्ति उसके नाम कराने का वादा किया था लेकिन उसने ऐसा कुछ नहीं किया। पुलिस जांच में यह बात सामने आई कि इस षडय़ंत्र में संजय गुप्ता भी शामिल थे। सोमवार को इस मामले की सुनवाई सिविल जज सीनियर डिवीजन व अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट विनोद कुमार बर्मन ने आरोपित संजय गुप्ता को धारा 420, 467,468, 471 व 120 बी के तहत पांच पांच साल की कठोर कारावास और एक-एक हजार के जुर्माने की सजा सुनाई है। 

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