UPNL Workers Strike : सुशीला तिवारी अस्पताल में 20 लोगों का काम कर रहे पांच लोग
UPNL Workers Strike डा. सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय में हड़ताल का व्यापक असर पड़ रहा है। हालांकि कई विभागों में कम कर्मचारियों के बावजूद काम बेहतर है। फार्मेसी विभाग में ही कार्यरत 20 कर्मचारियों का काम पांच लोग निपटा रहे हैं।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : UPNL Workers Strike : डा. सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय में हड़ताल का व्यापक असर पड़ रहा है। हालांकि कई विभागों में कम कर्मचारियों के बावजूद काम बेहतर है। फार्मेसी विभाग में ही कार्यरत 20 कर्मचारियों का काम पांच लोग निपटा रहे हैं। सबसे अधिक दिक्कत मरीजों की ब्लड जांच को लेकर आ रही है।
फार्मेसी विभाग में 20 कर्मचारियों में 18 उपनल से हैं। दो सीनियर कर्मचारियों में एक कम्युनिटी मेडिसिन विभाग से हैं और दूसरे स्वास्थ्य विभाग से संबद्ध किए गए हैं। कुछ दिन तक 350 से अधिक मरीजों के लिए वार्डों में दवा भेजना मुश्किल हो गया था। इसके बाद पांच सिस्टर व ब्रदर्स को जिम्मेदारी दी गई। ये पांच कर्मचारी सभी वार्डों में दवाइयों की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। राजकीय मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य प्रो. सीपी भैंसोड़ा ने बताया कि मरीजों को दिक्कत न हो, इसका पूरा ध्यान रखा गया है। अन्य विभागों में भी इसी तरह की जिम्मेदारी दी गई है।
ओपीडी में पहुंचे 713 मरीज, केवल 10 का अल्ट्रासाउंड
ब्लड जांच से लेकर अल्ट्रासाउंड समेत तमाम कार्य अब भी प्रभावित हैं। शुक्रवार को ओपीडी में केवल 713 मरीज पहुंचे। 359 मरीज भर्ती हैं। इमरजेंसी में 49 मरीज पहुंचे। वहीं केवल नौ मरीजों का एमआरआइ, 10 मरीजों का अल्ट्रासाउंड, 20 मरीजों का सीटी स्कैन और 120 मरीजों का एक्सरे हुआ। ऑपरेशन भी कुछ ही मरीजों के हुए।
16 दिन से हड़ताल से एसटीएच में बढ़ रही दिक्कतें
उपनल कर्मियों की हड़ताल को 16 दिन हो गए हैं। सरकार इनकी मांगें मानने को तैयार नही है और कर्मचारी आंदोलन खत्म करने के मूड में भी नहीं है। कर्मचारी नेता नीरज हैडिय़ा का कहना है कि सरकार उपेक्षा का रही है। जबकि वह हर मोर्चो पर पूरी मेहनत से काम करते हैं। उन्होंने कहा कि फिर भी हम सरकार से सकारात्मक निर्णय की उम्मीद करते हैं। कर्मचारियों का एक प्रतिनिधिमंडल देहरादून गया है। धरने में महेश कुमार, मोहन पंत, यतींद्र जोशी, राकेश कुमार, रेणुका, दीपिका साहू, वैजयंती, विन्नी सिंह, भगवती, मीना गुप्ता, मोहिनी पाठक, दिनेश जोशी, पंकज जोशी, नवीन जोशी, भानु त्रिपाठी आदि शामिल रहे।
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