अल्मोड़ा जिले में बन रहा सूबे का पहला लोक देवों का संग्रहालय

नई पीढ़ी अब अपने लोकदेवों की उत्पत्ति इतिहास वीरगाथाएं और उनके अमुक लोक से संबंध आदि रहस्यों से रू-ब-रू हो सकेगी। खास बात कि उन्हें लोक में रचे-बसे इन स्थानीय देवों का ब्योरा एक ही छत के नीचे मिलेगा।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Tue, 20 Apr 2021 08:17 AM (IST) Updated:Wed, 21 Apr 2021 06:40 PM (IST)
अल्मोड़ा जिले में बन रहा सूबे का पहला लोक देवों का संग्रहालय
लोकदेवताओं के इतिहास और वीरगाथाओं से अवगत होगी नई पीढ़ी, अल्मोड़ा जिले में बन रहा सूबे का पहला संग्रहालय

मानिला (अल्मोड़ा) राजेश तिवारी : नई पीढ़ी अब अपने लोकदेवों की उत्पत्ति, इतिहास, वीरगाथाएं और उनके अमुक लोक से संबंध आदि रहस्यों से रू-ब-रू हो सकेगी। खास बात कि उन्हें लोक में रचे-बसे इन स्थानीय देवों का ब्योरा एक ही छत के नीचे मिलेगा। पुरातत्वविद् पद्मश्री डा. यशोधर मठपाल के शोध के बाद सल्ट ब्लॉक स्थित ऐतिहासिक मां मानिला देवी मंदिर शीक्तिपीठ में लोकदेवों के अनूठे संग्रहालय ने मूर्तरूप ले लिया है। यह उत्तराखंड का पहला फोकगॉड म्यूजियम है, जो शोधार्थियों की अध्ययन स्थली भी बनेगा।

देवभूमि में लोकदेवों का बड़ा महत्व है। हर शुभ कार्य में इन्हें मुख्य देवी देवताओं की ही तरह पूजा जाता है। हालांकि आधुनिक चकाचौंध में नई पीढ़ी लोक में रचे-बसे देवी-देवताओं की ऐतिहासिकता व जीवन में महत्व से अनजान है। नई पीढ़ी लोक संस्कृति, परंपरा व लोकदेवों का ज्ञान हासिल कर सके, मां मानिला मंदिर प्रबंधन कमेटी के प्रयासों से शक्तिपीठ में संग्रहालय तैयार किया गया है। विशिष्ट पत्थरों पर उकेरी गई लोकदेवों की प्रतिमाएं स्थापित भी कर ली गई हैं।

प्रवासियों ने बढ़ाए हाथ

कुमाऊं के लोकदेवों की प्रतिमा बनाने में गांव के प्रवासियों ने भी योगदान दिया है। इनमें दुबई, दिल्ली, देहरादून, आकाशपुर रामनगर व हल्द्वानीवासी शामिल हैं। वहीं कुणीधार बिष्ट बाखली, सैटनौला कुणीधार, सैकुड़ा, सैंणमानुर, खलटा, भिकियासैंण, मुनियाचौरा, नौहाई कबडोला मासी, नैल, रथखाल आदि गांवों के संस्कृति प्रेमियों ने भी अपनी अपनी ओर से प्रतिमाओं का निर्माण कराया है।

लोकदेव व मान्यताएं

न्याय देवता गोल्ज्यू महाराज: चंपावत में अवतरित विलक्षण शक्ति, निष्पक्ष व न्याय करने वाले

नृसिंग देवता : जोशीमठ गढ़वाल में अवतरित शिव अवतारी, सिद्ध योगी, विलक्षण चमत्कारी शक्तियों से संपन्न

सैम देवता (सैमज्यू): देवाधिदेव शिव का योगी अवतार, अद्भुत शक्तियों वाले मनोकामना पूरे करने वाले

श्री बधाण देवता : भगवान श्रीकृष्ण का गोपरूप, पशुधन पर आए कष्टïों का निवारण करते हैं

श्री कृष्ण गोपी (ग्वेल्देराणी) : खेती व पशुधन की देवी, ग्वालों की विशेष पूजा से अकाल से मुक्ति दिलाती हैं

श्री बदरीनाथ: चार धामों में से एक बद्रिकाश्रम के अधीश्वरदेव, कल्याणकारी

नगारझण (नागार्जुन) देवता : भगवान विष्णु का पशुधन देवता का चतुर्भुज रूप, पशुधन की रक्षा, गाय भैंस के दुधारू होने पर दुग्ध स्नान कर पुओं के भोग की परंपरा

नागराज देवता : कल्याणकारी

नवग्रह देवता : विपत्तियों से रक्षा, घर परिवार में सुखा शांति

गायत्री माता: वेदमाता विश्वमाता के रूप में अद्वितीय व चमत्कारी शक्ति से संपन्न

वडू सजेपाल देवता : कत्यूरी राजाओं के राजगुरु जो ज्योतिष, कुशल नीति शास्त्री, राजनीति व तंत्र मंत्र शास्त्रों के प्रकांड विद्वान

महारानी जिया : कत्यूरी सम्राट पृथ्वीपाल की वीरांगना, तुर्कों से देवभूमि की रक्षा को अवतरित, पूरे कुमाऊं में लोकदेवी के रूप में चित्रशिला में जागर परंपरा

धामद्यौ (धामदेव): कत्यूरी सम्राट धामद्यौ न्यायकारी, धर्मशील, गो ब्राह्मण रक्षक व प्रजापालक

ब्रह्मïद्यौ (ब्रह्मïदेव): कत्यूरी सम्राट न्याय परायणता, गो ब्राह्मïण पूजन व सत्कर्मों से देवभूमि में पुजित

क्षेत्रपाल देवता : विशिष्ट दैवीय शक्ति से परिपूर्ण, भटके राहगीरों को पथ प्रदर्शक बन भयमुक्त कर गंतव्य तक पहुंचाते हैं।

देवभूमि के इस पहले संग्रहालय के निर्माण में पद्मश्री मठपाल की अहम भूमिका

अध्यक्ष मां मानिला मंदिर प्रबंधन ट्रस्ट नंदन सिंह मनराल ने बताया कि देवभूमि के इस पहले संग्रहालय के निर्माण में पुरातत्वविद् पद्मश्री डा. यशोधर मठपाल का बड़ी भूमिका रही। उन्हीं के मार्गदर्शन में म्यूजियम बन सका है। लोकदेवों की शक्तियां असीम हैं। गौरवगाथा जागरों के जरिये गाई जाती हैं। संग्रहालय का मकसद नई पीढ़ी को लोकदेवों का ज्ञान कराना है।

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