पंत वि‍व‍ि में खुला देश का पहला फैकल्टी डेवलपमेंट सेंटर, देश के कृषि विज्ञानियों को करेगा ट्रेंड

शिक्षा पद्धति व तकनीकी में बदलाव हुए तो इसकी जरूरतों को पूरा करने के लिए पं. गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विवि में देश का पहला फैकल्टी डेवलपमेंट (एफडी) सेंटर खोला गया है।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Sun, 05 Jul 2020 09:16 AM (IST) Updated:Sun, 05 Jul 2020 09:16 AM (IST)
पंत वि‍व‍ि में खुला देश का पहला फैकल्टी डेवलपमेंट सेंटर, देश के कृषि विज्ञानियों को करेगा ट्रेंड
पंत वि‍व‍ि में खुला देश का पहला फैकल्टी डेवलपमेंट सेंटर, देश के कृषि विज्ञानियों को करेगा ट्रेंड

पंतनगर, अरविंद कुमार सिंह, : बदलते परिवेश में देश दुनिया में शिक्षा पद्धति व तकनीकी में बदलाव हुए तो इसकी जरूरतों को पूरा करने के लिए पं. गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विवि में देश का पहला फैकल्टी डेवलपमेंट (एफडी) सेंटर खोला गया है। सेंटर में कोरोना काल में देश के 60 कृषि विश्वविद्यालयों व आइसीएआर के 40 शोध केंद्रों के विज्ञानियों को ऑनलाइन प्लेटफार्म पर पढ़ाने व शोध करने के लिए तैयार किया जाएगा। बाद में सेंटर में देश के कृषि विज्ञानियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह जिम्मा राष्ट्रीय कृषि उच्च शिक्षा परियोजना यानि नाहेप के परियोजना अधिकारी व कृषि महाविद्यालय के डीन डॉक्टर शिवेंद्र कुमार कश्यप को सौंपा गया है। इससे शिक्षा व शोध की गुणवत्ता में और सुधार होगा। यह विवि के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है।

हरित क्रांति पंत विवि की देन है। इससे देश खाद्यान्न में न केवल आत्मनिर्भर बना है, बल्कि अन्य देशों को खाद्यान्न भेजा जाता है। विवि में फल, सब्जी सहित अनाज में कई प्रजातियां विकसित की है। देश दुनिया में शिक्षण व शोध में तमाम नई तकनीकी ईजाद की गई है, मगर ट्रेङ्क्षनग के अभाव में कई शिक्षक इससे अनभिज्ञ हैं। इससे इसका लाभ छात्रों को नहीं मिल पा रहा है। शोध व शिक्षण की गुणवत्ता बढ़ाने व नई तकनीकी से रूबरू कराने के लिए प्रशिक्षण बेहद जरूरी है। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने हैदराबाद आंध्र प्रदेश में देश के कृषि विज्ञानियों को प्रशिक्षण देने के लिए राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान प्रबंध अकादमी (नार्म) स्थापित किया है। आइसीएआर लंबे समय से फैकल्टी डेवलपमेंट सेंटर खोलने की कवायद कर रही थी, जिसके लिए पंत विवि को यह सेंटर स्थापित करने का चुना। इससे उत्तर भारत के कृषि विश्वविद्यालयों के वैज्ञानियों को प्रशिक्षण दिया जा सके। हालांकि देश के कृषि विश्वविद्यालयों के विज्ञानियों को कुछ विषयों की ट्रेङ्क्षनग एफडीसी में दी जाएगी।

शुक्रवार को सेंटर का ऑनलाइन शुभारंभ आइसीएआर के उप महानिदेशक शिक्षा डॉक्टर आरसी अग्रवाल ने किया। साथ ही नार्म व विवि के बीच हुए अनुबंध का विमोचन भी किया। इस दौरान डॉ अग्रवाल ने कहा कि पंत विवि बहुत विचार करने के बाद यह अहम दायित्व के लिए पंत विवि को उपयुक्त समझा गया। शुभारंभ के दौरान नार्म हैदराबाद के निदेशक श्रीनिवास राव, उपनिदेशक डाक्टर एसके सोम, पंत विवि के कुलपति डॉ. तेज प्रताप सहित देश के कृषि विश्वविद्यालयों के कई कुलपति थे। सेंटर नाहेप भवन में संचालित होगा। इस उपलब्धि पर विवि में खुशी का माहौल है। इससे छात्रों को पढ़ाने व शोध कार्यों के तरीकों में काफी बदलाव आएगा।

यह कार्य होंगे संपादित

-विश्वविद्यालयों, शोध संस्थानों व संकाय सदस्यों को प्रशिक्षण देना -शिक्षण कला व शिक्षा क्षेत्र में विकसित तकनीक का प्रशिक्षण देना -छात्रों में उद्यमिता विकास के लिए संकाय सदस्यों को प्रशिक्षण -सॉफ्ट स्किल का प्रशिक्षण-शोध की गुणवत्ता को बढ़ाने का प्रशिक्षण -अंतरराष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय शोध परियोजना में और बेहतर करने को प्रशिक्षण -अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क बढ़ाने का प्रशिक्षण

सदस्यों को दक्षता का प्रशिक्षण दिया जाएगा

डाक्टर शिवेंद्र कुमार कश्यप, परियोजना अधिकारी नाहेप व डीन कृषि महाविद्यालय पंत विवि ने बताया कि पंत विवि के कुलपति के मार्गदर्शन में विवि शोध व शिक्षण के क्षेत्र में प्रगित कर रहा है। इसी को देखते हुए विवि को फैकल्टी डेवलपमेंट सेंटर के लिए चुना गया है। सेंटर में देश के कृषि विश्वविद्यालयों, शोध संस्थानों व संकाय सदस्यों को दक्षता का प्रशिक्षण दिया जाएगा। वहीं पंत विवि कुलपति डॉ. तेज प्रतापने कहा कि पंत विवि के नाहेप की टीम अत्यंत सक्षम है। इसे देखते हुए आइसीएआर ने यह दायित्व पंत विवि को दिया है। इस पर हम निश्चय ही खरा साबित होंगे।

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