जंगलों में बढ़ रही आग, कोरोना मरीजों के लिए धुआं है खतरे की घंटी

चिकित्सा विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोना में सांस लेने में तकलीफ होना आम समस्या है। साथ ही छाती में संक्रमण की दिक्कत भी होने लगती है। इसलिए बढ़ता धुआं कोरोना मरीजों के लिए जानलेवा भी साबित हो सकता है।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Thu, 08 Apr 2021 07:40 AM (IST) Updated:Thu, 08 Apr 2021 09:51 AM (IST)
जंगलों में बढ़ रही आग, कोरोना मरीजों के लिए धुआं है खतरे की घंटी
अब तक 1927 हेक्टेयर जंगल जल चुका है। धुआं आंखों में जलन व सांस की तकलीफ बढ़ा रहा है।

हल्द्वानी, गणेश जोशी। राज्य के जंगलों में भीषण आग लगी है। इसके चलते पूरे वातावरण में जबरदस्त धुंध है। यह धुआं मैदानी क्षेत्रों में भी पहुंच चुका है। ऐसे समय में यह धुआं और अधिक खतरनाक साबित हो सकता है, जब कोरोना का ग्राफ तेजी से बढऩे लगा है। चिकित्सा विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोना में सांस लेने में तकलीफ होना आम समस्या है। साथ ही छाती में संक्रमण की दिक्कत भी होने लगती है। इसलिए बढ़ता धुआं कोरोना मरीजों के लिए जानलेवा भी साबित हो सकता है।

प्रदेश में एक अप्रैल से कोरोना के मामलों में 10 से 15 फीसद की गति से बढ़ोत्तरी हो रही है। जहां एक अप्रैल को 500 लोग संक्रमित मिले थे, वहीं सात अप्रैल को 1109 लोग संक्रमित पाए गए। जहां तक आग लगने का सवाल है, एक जनवरी से से ही जंगलों में आग धधकने लगी थी। अब तक 1927 हेक्टेयर जंगल जल चुका है। धुआं आंखों में जलन व सांस की तकलीफ बढ़ा रहा है। नीलकंठ अस्पताल के वरिष्ठ सांस रोग विशेषज्ञ डा. गौरव सिंघल बताते हैं, पहले से ही सांस रोगियों के लिए धुआं खतरनाक है। इस समय कोरोना तेजी से बढ़ गया है तो धुआं संक्रमित मरीजों के लिए घातक हो जाएगा।

वरिष्ठ फिजीशियन डॉ परमजीत सिंह धुएं से सांस की दिक्कत बढ़ती है। इस धुएं व प्रदूषण से कोरोना के मरीजों की समस्या बढ़ जाती है। इसलिए अतिरिक्त सावधानी बरतने की जरूरत है। बचाव के लिए कोविड नियमों का पालन किया जाए।

बचाव के लिए अपनाएं ये तरीका

- मास्क का नियमित प्रयोग करें

- धुएं से बचाव करें

- सांस व कोरोना संक्रमित मरीज धुएं में न जाएं

गंभीर मरीजों की बढऩे लगी संख्या

कोरोना के गंभीर मरीजों की संख्या भी बढऩे लगी है। एसटीएच के चिकित्सा अधीक्षक डा. अरुण जोशी का कहना है कि पहले की अपेक्षा इस समय भर्ती होने वाले संक्रमित मरीज अधिक गंभीर हैं। इसमें बुजुर्ग ही नहीं, बल्कि युवा भी शामिल हैं।

कोरोना बढऩे की स्थिति

तिथि             केस

1 अप्रैल        500

2 अप्रैल        364

3 अप्रैल        439

4 अप्रैल        550

5 अप्रैल        547

6 अप्रैल        791

7 अप्रैल       1109

Uttarakhand Flood Disaster: चमोली हादसे से संबंधित सभी सामग्री पढ़ने के लिए क्लिक करें

chat bot
आपका साथी