टनकपुर से नेपाल के लिए धड़ल्ले से हो रही खाद की तस्करी, छापेमारी कर एसडीएम नेे पकड़े कई बाेेरेे
अवैध तरीके से नेपाली नागरिकों को दोगुने दामों में यूरिया एमपी खाद बेची जा रही है। खाद की तस्करी और कालाबाजारी की सुगबुगाहट के बाद बुधवार को एसडीएम हिमांशु कफल्टिया ने नेपालियों के आने जाने वाली दुकानों में छापा मारकर खाद के कई बोरे बरामद किए।
संवाद सहयोगी, टनकपुर (चम्पावत) : खाद के कारोबारी कोरोना काल में मोटी कमाई के लिए तस्करी पर उतर आए हैं। बताया जा रहा है कि यह धंधा काफी लंबे समय से चल रहा है। अवैध तरीके से नेपाली नागरिकों को दोगुने दामों में यूरिया एमपी खाद बेची जा रही है। खाद की तस्करी और कालाबाजारी की सुगबुगाहट के बाद बुधवार को एसडीएम हिमांशु कफल्टिया ने नेपालियों के आने जाने वाली दुकानों में छापा मारकर खाद के कई बोरे बरामद किए।
कोरोना काल में सुरक्षा एजेंसियों की कड़ी निगरानी के बाद भी खाद की तस्करी होना काफी गंभीर माना जा रहा है। इस समय शारदा नदी का जल स्तर अधिक होने के कारण नेपाल के लोग बैराज मार्ग से चोरी छुपे टनकपुर से खाद ले जा रहे हैं। इस समय धान की खेती के लिए टनकपुर में ही खाद की काफी अधिक आवश्यकता है। लेकिन उसे नेपाली नागरिकों को बेच कर गैर कानूनी कार्य किया जा रहा है।
टनकपुर में यूरिया का 50 किलो का कट्टा 270 रुपये व एमपी का 50 किलो का 1185 रुपये में बेचा जा रहा है। यही खाद नेपाल में 270 की जगह 1500 रुपये व एमपी की खाद 3000 रुपये तक बिक रहा है। तस्कर खाद खरीदकर नेपाल के दुकानदारों व लोंगो को मुंह मांगी कीमत पर बेच रहे हैं। सूत्रों के अनुसार बार्डर पर निगरानी करने वाली एजेन्सियों की भी इस धंधे में मिलीभगत है। बुधवार को एसडीएम हिमांशु कफल्टिया ने टनकपुर की दुकानों में नेपालियों को बेचने के लिए रखे गए आधा दर्जन से अधिक खाद के कट्टे बरामद किए।
एसडीएम ने बताया कि मामले की जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने समितियों से किसी भी व्यक्ति को बिना खाता खतौनी व आधार कार्ड के खाद मुहैया न कराने के निर्देश दिए हैं। प्रशासन की ओर से सुरक्षा एजेंसियों केसाथ एसएसबी व सीआईएसएफ से निगरानी रखने को कहा गया है। इधर क्रय विक्रय सहकारी समिति के इंचार्ज डिकर चंद ने बताया कि खाद देने से पूर्व ग्रामीणों से आधार कार्ड व खाता खतौनी मांगी जाती है, लेकिन कई ग्रामीण लडऩे झगडऩे लगते हैं। जिसके बाद मजबूरन उन्हें खाद देने के लिए विवश होना पड़ता है। बताया जा रहा है कि थपलियाल खेड़ा के ग्रामीण भी अपने नाम पर टनकपुर से खाद ले जाकर नेपाल में ऊंचे दामो में बेचकर वारे न्यारे करते हैं।
बैराज से हो रही जड़ी बूटी की तस्करी
नेपाल से जड़ी बूटी की भी तस्करी होना आम बात है। नेपाल से भारत में तेज पत्ता, कड़ी पत्ता व कीमती जड़ी बूटी नेपालियों द्वारा भारत में लाई जा रही है। लोगों का कहना है कि यह तस्करी सुबह व दोपहर के समय पुल के रास्ते से ही होती है। इन दिनों शारदा नदी का जलस्तर अधिक होने से यह लोग पुल के रास्ते से ही कालाबाजारी कर रहे हैं। वन विभाग की मूक दर्शक बना हुआ है।