ऊधमसिंह नगर दुग्ध संघ के रुद्रपुर प्लांट में जांच के दौरान मिली खांमियां, बैकफुट पर आया संघ

पशुपालकों को दुग्ध उपार्जन से उन्नति की राह दिखाने वाला ऊधमसिंह नगर दुग्ध संघ खुद राह भटक गया। लंबे समय से समितियों के दूध की वसा और एसएनएफ में हेराफेरी की शिकायतों के बाद हरकत में आए सचिवों ने दुग्ध सैंपल का नैनीताल दुग्ध संघ से क्रॉस चेक करवा लिया।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Wed, 16 Jun 2021 11:32 AM (IST) Updated:Wed, 16 Jun 2021 11:32 AM (IST)
ऊधमसिंह नगर दुग्ध संघ के रुद्रपुर प्लांट में जांच के दौरान मिली खांमियां, बैकफुट पर आया संघ
ऊधमसिंह नगर दुग्ध संघ के रुद्रपुर प्लांट में जांच के दौरान मिली खांमियां, बैकफुट पर आया संघ

गूलरभोज/रुद्रपुर, जेएनएन : पशुपालकों को दुग्ध उपार्जन से आर्थिक उन्नति की राह दिखाने वाला ऊधमसिंह नगर दुग्ध संघ खुद राह भटक गया। लंबे समय से समितियों के दूध की वसा और एसएनएफ में हेराफेरी की शिकायतों के बाद हरकत में आए सचिवों ने दुग्ध सैंपल का नैनीताल दुग्ध संघ से क्रॉस चेक करवा लिया। जिसके बाद रुद्रपुर प्लांट में हेराफेरी का मामला उजागर हुआ नैनीताल दुग्ध संघ के मुकाबले वसा और एसएनएफ का कम अंतर देख बैकफुट पर आए संघ ने सैंपल की सेंट्रल लैब से जांच की बात कह पर्दा डालने की कोशिश की।

दुग्ध उपार्जन के मामले में ऊधमसिंह नगर दुग्ध संघ की राज्य में अच्छी साख है। समितियों से प्राप्त दुग्ध का संघ इसका प्रबंधन और विपणन करता है। रुद्रपुर प्लांट की बात करें तो यहां शांतिपुरी, किच्छा, नगला, लालपुर दरऊ, गदरपुर, दिनेशपुर और गूलरभोज क्षेत्र में क्रियाशील करीब 90 समितियों से सुबह और शाम की पाली में करीब साढ़े ग्यारह से बारह हजार लीटर प्रतिदिन दूध की आवक होती है। समितियों को वसा और एसएनएफ की दर से भुगतान बैंक खाते में भेजा जाता है। रुद्रपुर प्लांट में समितियों के दुग्ध वसा और एसएनएफ में अंतर को लेकर शांतिपुरी क्षेत्र में संचालित एक दर्जन से ज्यादा समितियां काफी समय से आर्थिक नुकसान झेल रही थीं।

आजिज आकर क्षेत्र के सचिवों ने लामबंद होकर मंगलवार नैनीताल दुग्ध संघ के लालकुआं प्लांट पहुंच सैंपल की जांच कराई। वहां की रिपोर्ट लेकर उसी सैंपल को जब रुद्रपुर प्लांट से मैच किया गया तो सचिवों के होश उड़ गए। नैनीताल के मुकाबले वसा में तीन जबकि एसएनएफ में डेढ़ से दो लैक्टोमीटर का भारी अंतर पाया गया। प्लांट में गुस्साए सचिवों के तेवर की जानकारी मिलते ही प्रधान प्रबंधक संजय डिमरी, पीएंडआइ कुंदन प्रसाद पांडे, दुग्ध संघ के पूर्व अध्यक्ष तिलकराज गंभीर व राजेंद्र प्रसाद शर्मा पूर्व कांग्रेस जिलाध्यक्ष नारायण सिंह बिष्ट मौके पर पहुंच गए।

पूर्व अध्यक्ष गंभीर ने कहा कि समितियों और उत्पादकों का अहित करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने मामले की जांच की मांग की। इस दौरान सचिवों ने संघ की कार्यशैली पर कई गंभीर आरोप लगाए। इस मौके पर क्षेत्र पर्यवेक्षक किरण माजिला, तारा सिंह कोरंगा, नवीन भट्ट, नेत्र सिंह देउपा, सुरेंद्र सिंह भाकुनी, हेमा कार्की, गिरीश मेहता, प्रदीप कोरंगा, इदरीश अहमद आदि थे।

ऊधमसिंह नगर दुग्ध संघ के प्रधान प्रबंधक संजय डिमरी ने बताया कि जिले के सभी दुग्ध अवशीतन केंद्रों में एनएबीएल (नेशनल एक्रीडिटेशन आफ बायोलॉजिकल लैब) से प्रमाणित तकनीक से वसा और एसएनएफ की बकी जाती है। रुद्रपुर प्लांट भी इसी तकनीक पर काम कर रहा है। समितियों के विश्वास के बूते संस्था ने गत वर्ष के मुकाबले 25 फीसद की ग्रोथ अर्जित की है। रही बात नैनीताल के मुकाबले वसा और एसएनएफ में कम अंतर की, इसके लिए सेंट्रल टेस्टिंग लैब से जांच की जाएगी।

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