सरकार के तमाम दावे फेल, सात हजार रुपये क्विंटल आलू बीज खरीदेंगे किसान

किसानों के लिए सरकार द्वारा किए गए दावे औंधे मुंह गिर पड़े हैं। लंबे समय से सब्सिडी में आलू बीज उपलब्ध कराने की मांग कर रहे किसानों से सरकार ने मुंह फेर लिया है। मजबूरी में किसानों को मनाली किस्म का आलू आढ़तियों से सात हजार क्विंटल में खरीदना पड़ेगा।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Wed, 25 Nov 2020 08:21 AM (IST) Updated:Wed, 25 Nov 2020 08:21 AM (IST)
सरकार के तमाम दावे फेल, सात हजार रुपये क्विंटल आलू बीज खरीदेंगे किसान
सरकार के तमाम दावे फेल, सात हजार रुपये क्विंटल आलू बीज खरीदेंगे किसान

हल्द्वानी, जेएनएन : किसानों के लिए सरकार द्वारा किए गए तमाम दावे औंधे मुंह गिर पड़े हैं। लंबे समय से सब्सिडी में आलू बीज उपलब्ध कराने की मांग कर रहे किसानों से सरकार ने मुंह फेर लिया है। आलम ये है कि अब मजबूरी में किसानों को मनाली किस्म का आलू आढ़तियों से सात हजार रुपये क्विंटल के भाव में खरीदना पड़ेगा। बड़े किसानों के लिए ये सौदा काफी महंगा साबित होने वाला है।

हल्द्वानी मंडी पहुंचा आलू बीज

जहां एक ओर सरकार ने किसानों से मुंह फेरा हुआ है वहीं हल्द्वानी नवीन मंडी के आढ़तियों ने अपने स्रोत से हिमाचल के मनाली किस्म के आलू का बीज मंगाना शुरू कर दिया है। बिजाई का सीजन शुरू होने वाला है ऐसे में किसानों को इससे थोड़ा राहत जरूर मिलेगी।

10 हजार क्विंटल आलू मंगाया

आढ़तियों ने हिमाचल से अब तक 20 हजार बोरा आलू का बीज मंगा लिया है। यानी कि अब तक करीब दस हजार क्विंटल आलू हल्द्वानी मंडी पहुंच चुका है।

इस दाम में मिलेगा बीज

मंडी आढ़तियों ने बताया कि हिमाचल से आलू बीज हल्द्वानी तक पहुंचने में ढुलान भाड़ा, वाहन किराया आदि चुकाना पड़ता है। इस लिहाज से एक क्विंटल आलू की कीमत करीब सात हजार रुपये तक हो जाती है। इसी दाम में यह किसानों तक पहुंचेगा।

किसानों की दुविधा

आलू की बीज बिजाई से पहले पहुंचने से जहां एक ओर किसानों के चेहरे पर हल्की मुस्कान है वहीं थोड़ी चिंता भी है। सात हजार रुपये क्विंटल आलू एक या दो नाली जमीन में ही लगाया जा सकेगा। यदि किसान के पास अधिक कृषि भूमि है तो उसे उतने ही क्विंटल आलू बीज खरीदना होगा। जिसमें जेब भी ढीली होगी।

हिमाचल के आलू का बीज काफी महंगा मिल रहा है। जो कि छोटे और बड़े किसानों के लिए काफी चिंता की बात है। सरकार द्वारा आलू पर सब्सिडी भी नहीं दी गई है।

पूरन बिष्ट, सूपी आगर आलू उत्पादक स्वायत्त सहकारिता

किसानों को महंगा आलू न खरीदना पड़े इसके लिए सरकार को पर्वतीय क्षेत्रों में आलू फार्म विकसित करने चाहिए। सरकार द्वारा इस बार अभी तक सब्सिडी का आलू भी नहीं दिया है। फिलहाल आढ़तियों द्वारा हिमाचल से बीज मंगाया गया है।

जीवन सिंह कार्की, आलू फड़ आढ़ती व्यापारी एसोसिएशन हल्द्वानी मंडी

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