उच्च हिमालयी गांवों के किसानों को अब गांव में ही मिलेगा औद्योनिकी का प्रशिक्षण

उच्च हिमालयी गांव के किसानों को अब प्रशिक्षण के लिए तहसील या जिला मुख्यालय नहीं आना पड़ेगा। किसानों को अब क्षेत्र में ही उद्यान जड़ी बूटी उत्पादन सहित कौशल विकास का प्रशिक्षण मिल सकेगा। प्रशिक्षण केंद्र के लिए दुग्तू गांव में भूमि का चयन कर लिया गया है।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Fri, 25 Jun 2021 03:12 PM (IST) Updated:Fri, 25 Jun 2021 03:12 PM (IST)
उच्च हिमालयी गांवों के किसानों को अब गांव में ही मिलेगा औद्योनिकी का प्रशिक्षण
उच्च हिमालयी गांवों के किसानों को अब गांव में ही मिलेगा औद्योनिकी का प्रशिक्षण

पिथौरागढ़, जागरण संवाददाता : उच्च हिमालयी गांव के किसानों को अब प्रशिक्षण के लिए तहसील या जिला मुख्यालय नहीं आना पड़ेगा। किसानों को अब क्षेत्र में ही उद्यान, जड़ी बूटी उत्पादन सहित कौशल विकास का प्रशिक्षण मिल सकेगा। प्रशिक्षण केंद्र के लिए दुग्तू गांव में भूमि का चयन कर लिया गया है।

उच्च हिमालय में जड़ी बूटी उत्पादन के साथ ही तमाम फलों का उत्पादन होता है। यहां के किसान आज भी परंपरागत ढंग से ही उत्पादन कर रहे हैं, जिससे उनकी आमदनी में अपेक्षित इजाफा नहीं हो पा रहा है। उद्यान के क्षेत्र में तमाम तकनीकी बदलाव से अब इस क्षेत्र के किसानों को अवगत कराने के लिए सरकार ने दारमा वैली में प्रशिक्षण केंद्र स्थापित करने की स्वीकृति दी है। उद्यान विभाग को प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना के लिए कार्रवाई के निर्देश शासन से मिले हैं।

जिला उद्यान अधिकारी आरएस वर्मा शासन से मिले निर्देशों के बाद दारमा वैली पहुंचे। उन्होंने दुग्तू गांव में प्रशिक्षण केंद्र बनाने के लिए भूमि का चयन किया। उन्होंने बताया कि भूमि चयन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद प्रशिक्षण केंद्र का प्रस्ताव शासन को भेजा जाएगा। प्रशिक्षण केंद्र में उद्यान, जड़ी बूटी उत्पादन के साथ ही स्थानीय लोगो के स्वरोजगार के लिए कौशल विकास के तमाम प्रशिक्षण दिए जायेंगे।

दर गांव में बनेगी नर्सरी

दुग्तू गांव में प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किए जाने के साथ ही दारमा वैली के पहले गांव दर में उद्यान विभाग नर्सरी की स्थापना करेगा। जिला उद्यान अधिकारी आरएस वर्मा ने बताया कि नर्सरी में स्थानीय स्तर पर उत्पादित होने वाले फलों और सब्जियों के पौधे तैयार कर किसानों को वितरित किए जायेंगे।

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