होम लोन के लिए बैंक पहुंचा प्राधिकरण का फर्जी नक्‍शा, जेई ने कहा यह मेरा साइन नहीं

जिला विकास प्राधिकरण के नाम पर हल्द्वानी में फर्जीवाड़े का खेल खेला जा रहा है। बैंक की वजह से पूरे मामले से पर्दा उठा है। लोन के लिए पहुंची फाइल में अटैच मकान के नक्शे पर हस्ताक्षर को लेकर शक हुआ तो प्राधिकरण से जांच करवाई गई।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Fri, 23 Jul 2021 08:21 AM (IST) Updated:Fri, 23 Jul 2021 08:21 AM (IST)
होम लोन के लिए बैंक पहुंचा प्राधिकरण का फर्जी नक्‍शा, जेई ने कहा यह मेरा साइन नहीं
होम लोन के लिए बैंक पहुंचा प्राधिकरण का फर्जी नक्‍शा, जेई ने कहा यह मेरा साइन नहीं

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : जिला विकास प्राधिकरण के नाम पर हल्द्वानी में फर्जीवाड़े का खेल खेला जा रहा है। बैंक की वजह से पूरे मामले से पर्दा उठा है। लोन के लिए पहुंची फाइल में अटैच मकान के नक्शे पर हस्ताक्षर को लेकर शक हुआ तो प्राधिकरण से जांच करवाई गई। फिलहाल जेई ने साफ मना कर दिया कि यह साइन उनके नहीं हैं। मामले को लेकर संयुक्त सचिव प्राधिकरण ने तीन सदस्यीय समिति का गठन कर सोमवार तक जवाब मांगा है। उसके बाद फर्जी नक्शा पास करवाने वाले के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज होगा। सही से जांच होने पर पता चलेगा कि यह खेल कब से और किसके द्वारा खेला जा रहा था।

प्राधिकरण कार्यालय के मुताबिक नैनीताल बैंक में होम लोन को लेकर कमलुवागांजा क्षेत्र निवासी एक व्यक्ति ने आवेदन किया था। शर्त के मुताबिक ऋण के लिए प्राधिकरण की ओर से स्वीकृत नक्शा होना चाहिए। आवेदक ने फाइल के साथ नक्शा भी लगाया, लेकिन बैंक को प्राधिकरण के अफसरों के हस्ताक्षर को लेकर शक हुआ। जिस पर उन्होंने दफ्तर में पूछ नक्शे का सत्यापन कराया तो पता चला कि यह फर्जी नक्शा है। जेई कविता ने खुद के हस्ताक्षर होने से मना कर दिया। पास नक्शे का नंबर भी प्राधिकरण के रिकॉर्ड में दर्ज नहीं है। चार दिन में पूरे प्रकरण की जांच पूरी हो जाएगी। उसके बाद आरोपित के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।

संयुक्त सचिव जिला विकास प्राधिकरण ऋचा सिंह ने बताया कि बैंक के माध्यम से प्रकरण का पता चला। जेई ने बताया कि उसके फर्जी साइन हुए हैं। पास नक्शे का नंबर हमारे रिकॉर्ड में नहीं है। कमेटी के रिपोर्ट देने के बाद सोमवार को मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। फर्जीवाड़ा करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।

नोटिस भेजा मगर नहीं आया व्यक्ति

संयुक्त सचिव प्राधिकरण ऋचा सिंह के मुताबिक मामला संज्ञान में आने के बाद कर्मचारियों के माध्यम से संबंधित व्यक्ति को नोटिस भी भेजा गया था। ताकि वह कार्यालय में आकर जवाब दे। मगर नोटिस के बावजूद अभी तक कोई जवाब नहीं मिला।

यह है नक्शे की प्रक्रिया

अफसरों के मुताबिक मकान व कॉमर्शियल भवन के लिए नक्शा पास कराने को आवेदक को पहले ऑनलाइन आवेदन करता है। उसके बाद संबंधित क्षेत्र का जेई स्थलीय निरीक्षण कर पूरा ब्यौरा ऑनलाइन अपडेट करेगा। जेई की जांच को संयुक्त सचिव करी ओर से सत्यापित किया जाता है। आपत्तियों का निस्तारण करने के बाद निर्धारित शुल्क लेकर तय समय में नक्शा बनाकर दिया जाता है।

पुराने सचिव के साइन भी कर दिए

नक्शा पास होने पर जेई के बाद संयुक्त सचिव के हस्ताक्षर व मुहर भी लगती है। मकान का फर्जी नक्शा तब पास हुआ है, जब संयुक्त सचिव की जिम्मेदारी पूर्व सिटी मजिस्ट्रेट प्रत्यूष कुमार सिंह के पास थी। मामले का पता चलने के बाद वह भी चौंक गए। पूछने पर उन्होंने कहा कि मामले की गहनता से जांच कर कार्रवाई होनी चाहिए।

कहीं चक्कर लगाने वालों का काम तो नहीं

प्राधिकरण के अस्तित्व में आने के बाद से इस तरह का पहला मामला सामने आया है। जिस आर्किटेक्ट द्वारा नक्शा बनाया गया है, उससे भी ज्यादा जानकारी मिल सकती है। वहीं, अक्सर कुछ लोगों को एसडीएम कोर्ट के आसपास दिन भर मंडराते हुए देखा जाता है। जो सुविधा शुल्क लेकर मदद भी करते हैं। कहीं इस फर्जीवाड़े में इन लोगों को हाथ तो नहीं। यह जांच के बाद ही पता चलेगा।

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