घोड़ाखाल सैनिक स्‍कूल में एंट्रेंस पास कराने के नाम पर अभिभावकों के पास आ रहे फेक कॉल्‍स

घोड़ाखाल सैनिक स्कूल में उन अभिभावकों को फेक फोन काॅल्‍स आ रहीं हैं जिनके बच्‍चों ने सैनिक स्‍कूल को इंट्रेंस दिया है। फोन कॉल करने वाला खाते में रुपए डालने को कह रहा है।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Fri, 24 Jan 2020 06:57 PM (IST) Updated:Fri, 24 Jan 2020 06:57 PM (IST)
घोड़ाखाल सैनिक स्‍कूल में एंट्रेंस पास कराने के नाम पर अभिभावकों के पास आ रहे फेक कॉल्‍स
घोड़ाखाल सैनिक स्‍कूल में एंट्रेंस पास कराने के नाम पर अभिभावकों के पास आ रहे फेक कॉल्‍स

खटीमा, जेएनएन : ...हैलो, हैलो आपके बच्चे का प्रवेश कुछ नंबरों से घोड़ाखाल सैनिक स्कूल में होने से रुक गया है। यदि आप निर्धारित खाते में नकदी जमा कर दें तो उसका प्रवेश हो सुनिश्चित हो जाएगा...। उन अभिभावकों को ऐसी काॅल्‍स आ रहीं हैं जिनके बच्‍चों ने सैनिक स्‍कूल को इंट्रेंस दिया है। ऐसे फेक कॉल्‍स के झांसें में आने से बचें और इसकी सूचना संबंधित थाने पर जाकर दें। जिससे ठगों को धर-पकड़ के लिए प्रयास हो सकें। ऊधमसिंह नगर के खटीमा में कुछ अभिभावकों के पास ऐसी ही कॉल आने पर वे सीधे कोतवाली पहुंचे और पूरी जानकारी देकर मामले की तफ्तीश करने की मांग की है।

पांच जनवरी को हुआ है एग्‍जाम

पांच जनवरी को कक्षा-छह एवं नौ के करीब आठ हजार बच्चों ने घोड़ाखाल में प्रवेश के लिए परीक्षा दी थी। जिसका रिजल्ट फरवरी के पहले या दूसरे सप्ताह में निकलेगा। लेकिन उससे पहले अभिभावकों के पास हैकर्स की कॉल आ रही है। अलग-अलग नंबरों से फोन कर कहा जा रहा है कि उनके बच्चे कुछ नंबरों से रह गए हैं। यदि वह उनके खाते में रुपये ट्रांसफर कर दें, तो वह उनके बच्चों का प्रवेश विद्यालय में करा देंगे। शुक्रवार को नर सिंह कुंवर, भावना जोशी ने कोतवाल संजय पाठक से मुलाकात कर बताया कि उनके नंबरों पर फोन कर बताया जा रहा है कि वह दिल्ली से बोल रहे हैं। यदि उनके खाते में 20 हजार रुपये डाल देंगे। तो उनके बेटे को घोड़ाखाल की परीक्षा में पास करा दिया जाएगा। इसी तरीके से अन्य अभिभावकों के नंबरों पर भी कॉल की गई है। 

कोतवाल ने कहा- ऐसे किसी भी फोन कॉल की सूचना थाने में दें

संजय पाठक, कोतवाल खटीमा ने बताया कि इस तरह की कॉल पर विश्वास न करें, क्योंकि इस तरह की कॉल हैकर्स की हो सकती हैं। यह लोग फोन करके भोले भाले लोगोंं को अपने जाल में फंसाकर लूटते हैं। अभिभावक ऐसे नंबरों को ब्लॉक कर दें। साथ ही संबंधित नंबर अपने क्षेत्र के थाने में दर्ज करा दें, जिससे उन नंबरों को ट्रेस करके आरोपित तक पहुंचा जा सके। इसके साथ ही उन्‍होंने कहा कि ठगों को परिजनों के नंबर कहां से मिल रहे हैं इस बारे में भी मामले की जांच की जाएगी।

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