दार्जिलिंग व असम के विशेषज्ञ चाय बागान के कर्मचारियों को सिखाएंगे बेहतर उत्पादन के गुर

उत्तराखंड चाय विकास बोर्ड के बागानों व नर्सरियों में कार्यरत श्रमिकों को अब दार्जिलिंग व आसाम के विशेषज्ञ विशेष प्रकार का प्रशिक्षण देंगे। बेहतर उत्पादन को दोनो राज्यो के विशेषज्ञ उत्तराखंड के श्रमिकों को बेहतर उत्पादन के गुर सिखाने के साथ ही चाय से जुड़ी अन्य बारीकियां भी समझाएंगे।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Fri, 08 Jan 2021 08:01 AM (IST) Updated:Fri, 08 Jan 2021 08:01 AM (IST)
दार्जिलिंग व असम के विशेषज्ञ चाय बागान के कर्मचारियों को सिखाएंगे बेहतर उत्पादन के गुर
दार्जिलिंग व असम के विशेषज्ञ चाय बागान के कर्मचारियों को सिखाएंगे बेहतर उत्पादन के गुर

गरमपानी, संवाद सहयोगी : उत्तराखंड चाय विकास बोर्ड के बागानों व नर्सरियों में कार्यरत श्रमिकों को अब दार्जिलिंग व आसाम के विशेषज्ञ विशेष प्रकार का प्रशिक्षण देंगे। चाय की उच्च गुणवत्ता व बेहतर उत्पादन में शुमार दोनो राज्यो के विशेषज्ञ उत्तराखंड के श्रमिकों को बेहतर उत्पादन के गुर सिखाने के साथ ही चाय से जुड़ी अन्य बारीकियां भी समझाएंगे।

उत्तराखंड चाय विकास बोर्ड के कुमाऊं व गढ़वाल मंडल में स्थित बागान व नर्सरियों में करीब चार हजार से अधिक श्रमिक कार्यरत है। पहले श्रमिकों को प्रशिक्षण के लिए असम भेजा जाता था पर अब श्रमिकों को विशेष प्रशिक्षण देने के लिए कवायद तेज हो गई है। इसके लिए बकायदा दार्जिलिंग व असम से विशेषज्ञ उत्तराखंड आएंगे।

कुमाऊं व गढ़वाल मंडल के श्रमिकों को करीब तीस तीस के दल में प्रशिक्षण दिया जाएगा। चाय विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष गोविंद पिलखवाल के अनुसार इसके लिए बकायदा तैयारी तेज कर दी गई है। असम व दार्जिलिंग से पहुंचने वाले विशेषज्ञ प्रदेश के नर्सरियों तथा बागानो में कार्य करने वाले श्रमिकों को बेहतर उत्पादन के गुर सिखाएंगे।

चाय विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष गोविंद पिलखवाल ने बताया कि उत्पादन को बढ़ावा देने तथा चाय से जुड़े अकुशल श्रमिकों को प्रशिक्षण दिलाया जाएगा। प्रशिक्षण के बाद अकुशल श्रमिक कुशल श्रमिकों की श्रेणी में भी आ जाएंगे। जिससे उनको लाभ मिलेगा। शोध संस्थान व मार्केटिंग डिविजन बनाए जाने का भी प्रयास किया जा रहा है।

प्रशिक्षण के बाद अकुशल को मिलेगा कुशल श्रमिक का दर्जा

प्रदेशभर में चाय विकास बोर्ड में कार्यरत करीब चार हजार अकुशल श्रमिक हैं। चाय विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष के अनुसार प्रशिक्षण मिलने के बाद श्रमिक कुशल की श्रेणी में आ जाएंगे। कुशल श्रमिक का दर्जा मिल जाने के बाद उनकी आय में वृद्धि होगी। वर्तमान में अकुशल श्रमिकों को करीब 316 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से भुगतान किया जा रहा है। पर कुशल श्रमिक हो जाने के बाद 358 रुपये प्रतिदिन का भुगतान किया जाएगा। श्रमिकों को करीब 42 रुपये प्रतिदिन का लाभ मिलेगा। इस हिसाब से एक श्रमिक के प्रतिमाह मानदेय में 1260 रुपये की बढ़ोतरी हो जाएगी।

पचास लाख पौधों की नर्सरी हो चुकी तैयार

प्रदेशभर में लगभग 1390 हेक्टेयर में बागान विकसित किए जा चुके है। जबकि पूरे प्रदेश में करीब पचास लाख पौधों की नर्सरी है। प्रदेश में नैनीताल, अल्मोडा, चंपावत, पिथौरागढ़, बागेश्वर, चमोली, रुद्रप्रयाग, पौडी़ मे चाय बागान है।

शोध संस्थान व मार्केटिंग डिवीजन की भी तैयारी

श्यामखेत (घोड़ाखाल) स्थित चाय फैक्ट्री के समीप शोध संस्थान बनाए जाने की भी योजना तैयार की जा रही है। चाय विकास बोर्ड उपाध्यक्ष इसके लिए बकायदा सीएम से चर्चा भी कर चुके हैं। बिक्री बढा़ने के मकसद से मार्केटिंग डिवीजन तैयार करने की भी योजना है।

chat bot
आपका साथी