सुप्रीम कोर्ट के फैसले से टूटी अतिथि शिक्षकों की उम्मीद, कहा नियमित नियुक्ति का अधिकार नहीं

सुप्रीम कोर्ट ने भले ही चार हजार से अधिक चयनित अतिथि शिक्षकों को नियमित नियुक्ति होने तक तैनाती को हरी झंडी दे दी हो मगर साफ कर दिया है कि नियमितीकरण का अधिकार नहीं मिलेगा।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Tue, 21 Jan 2020 09:37 AM (IST) Updated:Wed, 22 Jan 2020 08:20 PM (IST)
सुप्रीम कोर्ट के फैसले से टूटी अतिथि शिक्षकों की उम्मीद, कहा नियमित नियुक्ति का अधिकार नहीं
सुप्रीम कोर्ट के फैसले से टूटी अतिथि शिक्षकों की उम्मीद, कहा नियमित नियुक्ति का अधिकार नहीं

नैनीताल, किशोर जोशी : सुप्रीम कोर्ट ने भले ही चार हजार से अधिक चयनित अतिथि शिक्षकों को नियमित नियुक्ति होने तक तैनाती को हरी झंडी दे दी हो, मगर साफ कर दिया है कि अतिथि शिक्षकों को नियमितीकरण का अधिकार नहीं मिलेगा। इनकी नियुक्ति रिक्त पदों पर नियमित शिक्षकों की नियुक्ति के बाद रिक्त पदों पर ही अस्थायी व्यवस्था के तहत ही जाएगी।

नियमित शिक्षकों की नियुक्ति नहीं होने पर विस्‍तार दिया

2015 में राज्य में माध्यमिक शिक्षकों के बड़े पैमाने पर रिक्त पदों से प्रभावित हो रहे पठन पाठन को देखते हुए अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति का निर्णय किया था। इसी बीच सरकार द्वारा एलटी के रिक्त पदों पर नियमित नियुक्ति के लिए अध्याचन अधीनस्थ सेवा चयन आयोग को जबकि प्रवक्ता पदों के रिक्त पदों का अध्याचन राज्य लोक सेवा आयोग को भेजा गया। लंबी प्रक्रिया के बाद नियमित शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हुई तो अस्थायी व्यवस्था के तहत अतिथि शिक्षकों को विस्तार दिया गया।

बाहर हुए अभ्‍यर्थियों ने सुप्रीम कोट में विशेष अनुमति याचिका दायर की

दरअसल हाई कोर्ट ने नियमित नियुक्ति होने तक अतिथि शिक्षकों को फिर से तैनाती का आदेश पारित किया तो तीन साल अध्यापन के बाद बाहर हो चुके अभ्यर्थियों ने हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोट में विशेष अनुमति याचिका दायर की। एसएलपी पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम रोक लगाई थी। 14 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति संजय किशन कौल व न्यायमूर्ति केएम जोसफ की संयुक्त पीठ ने एसएलपी को निस्तारित कर दिया। कोर्ट ने हाई कोर्ट की खंडपीठ को इस मामले में जल्द सुनवाई करने को कहा है।

गेस्ट टीचर को नियमित नियुक्ति का अधिकार नहीं

कोर्ट ने सरकार व आयोग के बीच तालमेल की कमी मानते हुए सरकार, राज्य लोक सेवा आयोग, अधीनस्थ सेवा चयन आयोग से चार सप्ताह में औपचारिकता पूरी कर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने साफ तौर पर कहा है कि गेस्ट टीचर को नियमित नियुक्ति का अधिकार नहीं है। प्रमोशन के लिए जारी करीब दो हजार शिक्षकों की सूची सीलबंद कर हाई कोर्ट में प्रस्तुत करने को कहा है। यह भी कहा है कि अतिथि शिक्षकों की सेवाएं रिक्त पदों को नियमित शिक्षक से भरे जाने तक ही रहेगी।

4910 चयनित गेस्ट शिक्षकों को मिलेगी तैनाती

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राज्य में एलटी व प्रवक्ता के रिक्त पदों के लिए चयनित 4910 अभ्यर्थियों को विद्यालयों में तैनाती का मार्ग प्रशस्त हुआ है। इसमें चार हजार से अधिक एलटी के पद हैं। माध्यमिक शिक्षा निदेशक आरके कुंवर का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश की सोमवार को प्रति सरकार को भेजी जा  चुकी है। लेक्चरर सीधी भर्ती के 507 पदों का अध्याचन आयोग को भेजा जा चुका है। जबकि करीब दो हजार एलटी से प्रवक्ता पदों पर पदोन्नत शिक्षकों के मामले में हाई कोर्ट में प्रार्थना पत्र दाखिल किया जाएगा। साथ ही कहा कि सरकार से हरी झंडी मिलते ही अतिथि शिक्षकों को तैनाती दी जाएगी।

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