खाली हाथ घर की राह ही एकमात्र विकल्प, बढ़ते संक्रमण व रोजगार जाने से श्रमिक लौटने लगे गांव
तीन माह पूर्व सब कुछ ठीक होने की उम्मीद ले उत्तराखंड पहुंचे मजदूरों की उम्मीद टूट चुकी है। मजदूरो के सामने अब घर पहुंचना ही एकमात्र विकल्प बचा है।खास बात यह है मजदूर खाली हाथ ही घर लौट रहे हैं।
संवाद सहयोगी, गरमपानी : कोरोना संक्रमण की बढ़ती रफ्तार के साथ बाहरी राज्यों के मजदूर भी वापस अपने घरों को रुख करने लगे हैं। तीन माह पूर्व सब कुछ ठीक होने की उम्मीद ले उत्तराखंड पहुंचे मजदूरों की उम्मीद टूट चुकी है। मजदूरो के सामने अब घर पहुंचना ही एकमात्र विकल्प बचा है।खास बात यह है मजदूर खाली हाथ ही घर लौट रहे हैं।
बढ़ते संक्रमण के साथ अब बाहरी राज्यों से प्रदेश में पहुंचे मजदूर वापस अपने घरों को रुख करने लगे हैं। अल्मोड़ा हल्द्वानी हाईवे पर स्थित चोपड़ा क्षेत्र में कार्य करने वाले बारह से ज्यादा मजदूरों ने घर की राह पकड़ ली है। किशनगंज गांव फुलवाड़ी जिला बिहार के रहने वाले जितेंद्र मंडल, कमलेश सिंह, मनोज सिंह, केशव, नरेंद्र सिंह भारी मन से वापस लौटने लगे हैं। जितेंद्र मंडल, कमलेश आदि मजदूर बताते है की संक्रमण बढ़ने के साथ ही अब रोजगार भी हाथ से चला गया है। लोग कार्य कराने को तैयार नहीं है।
ऐसे में घर का रास्ता ही एकमात्र विकल्प बचा है। बताया कि इस बार कुछ भी बचत नही हो सकी। सब कुछ खाने पीने में ही खर्च हो गया। महज किराया ही शेष बचा है अब सकुशल घर पहुंचना ही एक उम्मीद बची है। तीन महीने पूर्व ही श्रमिक रोजगार की तलाश में उत्तराखंड पहुंचे थे। कुछ दिन कार्य भी किया पर अब हालात बिगड़ने से श्रमिक वापस लौटने लगे हैं। बीते वर्ष संक्रमण की रोकथाम को लगे लॉकडाउन में कई श्रमिकों ने सैकड़ों किलोमीटर की दूरी पैदल ही तय कर ली थी पर इस बार श्रमिक समय रहते वापस घर लौट जाना चाहते हैं।
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