सर्किल व डिवीजन खत्म करने के प्रस्ताव से भड़के कर्मचारी, दी आंदोलन की चेतावनी
सर्किल व डिवीजन खत्म करने के मनमाने प्रस्ताव से कर्मचारी संघ भड़क गए हैं। विभिन्न संगठनों ने पुनर्गठन समिति द्वारा अपना पक्ष रखने के लिए नहीं बुलाने पर नाराजगी प्रकट की। चेताया कि यदि घटक संघों की सहमति के बिना पुनर्गठन को अंतिम रूप दिया गया तो आंदोलन किया जाएगा।
जागरण संवाददाता, नैनीताल : वन विभाग का पुनर्गठन कर सर्किल व डिवीजन खत्म करने के मनमाने प्रस्ताव से कर्मचारी संघ भड़क गए हैं। विभिन्न संगठनों ने पुनर्गठन समिति द्वारा अपना पक्ष रखने के लिए नहीं बुलाने पर नाराजगी प्रकट की। चेताया कि यदि वन विभाग के घटक संघों की सहमति के बिना पुनर्गठन प्रस्ताव को अंतिम रूप दिया गया तो प्रदेशव्यापी आंदोलन किया जाएगा। उनका कहना है कि सर्किल व डिवीजन खत्म होने से आने वाले समय में रोजगार की संख्या सीमित हो जाएगी। सरकार को बढ़ती हुई जनसंख्या को देखते हुए रोजगार के संसाधन जोडऩे चाहिए न कि खत्म। रोजगार संकट होने से प्रदेश के युवा पलायन को मजबूर होंगे। सरकार को इस ओर गंभीरता से सोचना चाहिए।
शुक्रवार को डीएफओ भूमि संरक्षण कार्यालय के समीप संघ भवन में उपवन क्षेत्राधिकारी संघ, फारेस्ट मिनिस्ट्रीयल एसोसिएशन, सांख्यिकी, चतुर्थ वर्गीय संवर्ग, वाहन चालक संघ, लेखा संवर्ग, सहायक वन कर्मचारी संघ के पदाधिकारी जुटे और बैठक की। वक्ताओं ने कहा कि कर्मचारी संगठन लंबे समय से भौगोलिक परिस्थितियों के अनुसार पदों को बढ़ाने, समयबद्ध प्रमोशन की मांग कर रहे हैं मगर विभागीय अफसर डिवीजन व सर्किल को खत्म कराने पर आमादा है।
वक्ताओं का कहना था कि राज्य में आइएफएस अफसरों के पद बढ़ाए जा रहे हैं जबकि फील्ड स्टाफ में कटौती की जा रही है। जिस समिति के प्रस्ताव पर पुनर्गठन किया जा रहा है, उस समिति के तीनों सदस्यों ने गढ़वाल के चंद रेंजों में भ्रमण कर खानापूरी की। चार साल से फारेस्ट गार्ड व तीन साल से फारेस्टर के पदों पर भर्ती प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है। बैठक में नवीन पंवार, दीपक तिवाड़ी, ललित मोहन पाण्डे, राजेंद्र बिष्टï, चंदन अधिकारी, प्रदीप कांडपाल, उमेश सिंह बिष्टï, चंद्रशेखर जोशी, गिरधर नेगी, किशन सिंह महरा, राजेंद्र मनराल, विनीत साह, महेश जोशी, किशन अधिकारी, गोधन सिंह, अक्षय कुमार समेत अन्य मौजूद थे।