एलआइसी में आइपीओ लागू करने व एफडीआइ की हिस्सेदारी बढ़ाने के विरोध में उतरे कर्मचारी

कर्मचारियों ने मल्लीताल स्थित एलआइसी भवन परिसर में धरना प्रदर्शन किया। इस दौरान कर्मचारियों ने जमकर नारेबाजी कर बीमा क्षेत्र में आइपीओ लागू करने और एफडीआइ की सीमा बढ़ाकर 74 फीसदी करने के निर्णय को वापस लेने की मांग की।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Mon, 15 Feb 2021 04:07 PM (IST) Updated:Mon, 15 Feb 2021 04:07 PM (IST)
एलआइसी में आइपीओ लागू करने व एफडीआइ की हिस्सेदारी बढ़ाने के विरोध में उतरे कर्मचारी
आइपीओ और एफडीआइ की भागीदारी को लेकर निर्णय वापस नहीं लिया गया तो आगे विरोध अभियान और तेज किया जाएगा।

जागरण संवाददाता, नैनीताल : एलआइसी में आइपीओ लागू करने और एफडीआ की सीमा बढ़ाने के प्रस्ताव का  बीमा कर्मचारी ने विरोध शुरू कर दिया है कर्मचारियों ने चेताया है कि सरकार द्वारा यह दोनों प्रस्ताव यदि वापस नहीं लिए गए तो उग्र आंदोलन किया जाएगा। सोमवार को बीमा कर्मचारी संघ नॉर्थ सेंट्रल जोन कानपुर के क्षेत्रीय महामंत्री राजीव निगम की अगुवाई में कर्मचारियों ने मल्लीताल स्थित एलआइसी भवन परिसर में धरना प्रदर्शन किया। इस दौरान कर्मचारियों ने जमकर नारेबाजी कर बीमा क्षेत्र में आइपीओ लागू करने और एफडीआइ की सीमा बढ़ाकर 74 फीसदी करने के निर्णय को वापस लेने की मांग की। राजीव निगम ने कहा कि सरकार कारपोरेट घरानों को लाभ पहुंचाने की दृष्टि से बीमा क्षेत्र में आइपीओ का प्रावधान लाई है। शुरुआत में 10 फीसदी की हिस्सेदारी की हिस्सेदारी अगले तीन साल में 25 फीसदी पहुँच जाएगी। इसके अलावा निजी बीमा क्षेत्र में एफडीआइ की सीमा बढ़ाकर 74 प्रतिशत कर दी गयी है। जिससे देश के पैसे का लाभ विदेशी कंपनियों को मिलेगा। उन्होंने कहा एलआइसी स्थापना के बाद से ही हमेशा लाभ में रही है। अपने खर्चे के साथ ही एलआइसी से दी गयी पूंजी से कई विकास कार्य किये गए है।  

अब सरकार कारपोरेट घरानों को फायदा पहुंचाने के उद्देश्य नए नए नियम लाकर ना सिर्फ एलआइसी को निजी हाथों में देना चाहती है, बल्कि यह देश के लिए भी अहित है। कर्मचारियों ने एक स्वर में कहा कि यदि सरकार की ओर से आइपीओ और एफडीआइ की भागीदारी को लेकर निर्णय वापस नहीं लिया गया तो आगे विरोध अभियान और तेज किया जाएगा। इस दौरान क्षेत्रीय कोषाध्यक्ष कामरेड राकेश कन्नौजिया, मंडलीय अध्यक्ष मनोज गुप्ता, केवल भट्ट, पंकज त्रिपाठी, अशोक कश्यप, विजय अधिकारी, संजय चंद्र, हरीश नयाल, विनय त्रिपाठी, हरीश तिवारी, मोहन चंद्र, वीरेंद्र सिंह ह्यांकी, ऋतु अरोरा, दीपक जोशी आदि मौजूद रहे। 

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