Dairy Societies of Uttarakhand Election : उत्तराखंड की 700 दुग्ध समितियों में चुनाव की तैयारी तेज

Dairy Societies of Uttarakhand Election उत्तराखंड की करीब 700 दुग्ध समितियों में चुनाव की तैयारियां तेज हो गई हैं। समितियों का पांच वर्ष का कार्यकाल अक्टूबर में पूरा हो जाएगा। ऐसे में अक्टूबर से पहले ही चुनाव प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Thu, 22 Jul 2021 08:50 AM (IST) Updated:Thu, 22 Jul 2021 08:50 AM (IST)
Dairy Societies of Uttarakhand Election : उत्तराखंड की 700 दुग्ध समितियों में चुनाव की तैयारी तेज
Dairy Societies of Uttarakhand Election : उत्तराखंड की 700 दुग्ध समितियों में चुनाव की तैयारी तेज

मनीस पांडेय, हल्द्वानी : Dairy Societies of Uttarakhand Election : उत्तराखंड की करीब 700 दुग्ध समितियों में चुनाव की तैयारियां तेज हो गई हैं। समितियों का पांच वर्ष का कार्यकाल अक्टूबर में पूरा हो जाएगा। ऐसे में अक्टूबर से पहले ही चुनाव प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। जिससे तय समय पर समितियों में नए पदाधिकारी जिम्मेदारी ग्रहण कर लें।

पशुपालन व दुग्ध व्यवसाय के जरिये जीवन यापन करने वाले लोगों की सुविधा के लिए सहकारी दुग्ध समितियों का गठन किया गया है। जिसमें अध्यक्ष, उपाध्यक्ष व प्रतिनिधि की निुयक्ति बोर्ड के जरिये की जाती है। प्रत्येक पांच वर्ष में एक बार चुनाव होता है। चुनाव कराने की जिम्मेदारी सहकारी निर्वाचन प्राधिकरण के पास है। प्राधिकरण प्राथमिकता के आधार पर चुनाव करा सकता है। रिक्त पदाधिकारियों व नई समितियों के बारे में डेयरी निदेशालय से सूचना भी भेजी गई है। दुग्ध निदेशालय के निदेशक जीवन सिंह नगन्याल ने बताया चुनाव के बारे में सभी निर्णय सहकारी निर्वाचन प्राधिकरण को ही लेने हैं।

180 समितियों में प्रशासक की नियुक्ति

प्रदेश में करीब 180 समितियां ऐसी हैं, जिनमें प्रशासक की नियुक्ति की गई है। अध्यक्ष, उपाध्यक्ष आदि का पद रिक्त होने के चलते शासन ने प्रशासक को नियुक्ति किया है। इसके अतिरिक्त करीब 20 नई समितियों का गठन भी किया गया है। जिसके लिए निर्वाचन प्राधिकरण की ओर से पहले चरण में चुनाव कराया जाएगा। जबकि दूसरे चरण में अन्य 500 समितियों में चुनाव की प्रक्रिया होनी है।

नौ सदस्यीय प्रबंध कमेटी चुनेगी पदाधिकारी

दुग्ध समितियों के चुनाव में सभी सदस्य सबसे पहले नौ सदस्यीय प्रबंध कमेटी का चुनाव करेंगे। बाद में यही प्रबंध कमेटी आपसी सहमति से अध्यक्ष, उपाध्यक्ष व एक प्रतिनिधि का चुनाव करेगी। समिति के चुनाव में प्रत्येक व्यक्ति वोट नहीं दे सकता है। जिस व्यक्ति ने दुग्ध समिति को 180 दिनों में 300 लीटर दूध भेजा हो वही व्यक्ति मत देने का अधिकारी होगा। यदि 180 दिन से कम समय व 300 लीटर से कम दूध है तो वोट नहीं स्वीकार किया जाएगा।

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