Uttarakhand By Election : कभी त्रिकोणीय नहीं हुआ सल्ट विधानसभा का चुनाव

Uttarakhand By Election चुनावी मंच। वादे। घोषणाएं। दल और दलील भी। सहानुभूति के लिए स्थानीय बनाम बाहरी जैसे मुद्दा। सल्ट के समर में मतदाताओं को लुभाने के लिए राजनीति के खिलाड़ी कोई चाल बाकी नहीं रखते। पर सल्ट किसी से प्रभावित हुआ।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Thu, 08 Apr 2021 07:26 AM (IST) Updated:Thu, 08 Apr 2021 07:26 AM (IST)
Uttarakhand By Election : कभी त्रिकोणीय नहीं हुआ सल्ट विधानसभा का चुनाव
Uttarakhand By Election : कभी त्रिकोणीय नहीं हुआ सल्ट विधानसभा का चुनाव

हल्द्वानी, अभिषेक राज : Uttarakhand By Election : चुनावी मंच। वादे। घोषणाएं। दल और दलील भी। सहानुभूति के लिए स्थानीय बनाम बाहरी जैसे मुद्दा। सल्ट के समर में मतदाताओं को लुभाने के लिए राजनीति के खिलाड़ी कोई चाल बाकी नहीं रखते। राज्य गठन के बाद 2002 का पहला जनादेश हो या फिर दूसरा, तीसरा और चौथा भी...। सल्ट न किसी की हवा में बहा और न ही किसी से प्रभावित हुआ।

हां, मतदाताओं को विश्वास रहा तो अपने निर्णय पर। सोच पर। उम्मीद बंधी तो सवाल भी किए और समर्थन में लीक को भी लांघ गए। मतदान सोच कर किया। समझकर जनादेश दिया। देखा कि कौन लड़ाई में है। किसकी सोच सही है। किसकी बातों में दम है। इरादे किसके बुलंद हैं। तभी तो अब तक के चुनाव मैदान में अतरे 80 से 85 फीसद प्रत्याशियों की जमानत ही जब्त कर दी। इनमें कई तो ऐसे रहे जो जीत के प्रति आश्वस्त रहे। लेकिन मतदाताओं के मन को पढ़ नहीं सके। परिणाम आने पर दंग। 

वर्ष कुल     प्रत्याशी        जमानत जब्त   फीसद   

2002       12               10                   83 

2007       09               06                   66

2012       09               07                   77

2017       10               08                   80

यहां तो बस दो की ही चलती है 

सल्ट विधानसभा कई मामलों में खास है। मतदाता जागरूकता का अंदाजा तो मत विभाजन से ही चल जाता है। इसमें भी विशेष मतदाताओं की स्पष्ट सोच है। यह पहली ऐसी विधानसभा है जहां मुकाबला कभी त्रिकोणीय नहीं हुआ। हमेशा दो ही प्रत्याशियों को मतदाताओं ने खेलने का मौका दिया। कभी भाजपा-कांग्रेस तो कभी कांग्रेस-निर्दल। पहले से लेकर चौथे चुनाव तक मुकाबला बस दो के बीच ही। 

वर्ष कुल मतदान    विजेता      दूसरा स्थान        शेष         प्रत्याशी    मत 

2002 28,850      कांग्रेस      11,988 भाजपा    8436     10           8426   

2007 34,824      कांग्रेस      15,190 निर्दल     7115      07         12,519

2012  46942      भाजपा       23,956 कांग्रेस   18512    07         4474 

2017  44044     भाजपा        21,581 कांग्रेस   18677     08        3786

ऐसा पहली बार हुआ   2007 में निर्दल की कांग्रेस से टक्कर   2007 में भाजपा लड़ाई से बाहर  2012 में कांग्रेस की करारी हारी   2017 में महिलाएं मैदान में  2021 में अप्रैल में मतदान   2021 में उप चुनाव  कांग्रेस के स्टार प्रचारक हरीश रावत चुनाव से दूर

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