Uttarakhand By Election : कभी त्रिकोणीय नहीं हुआ सल्ट विधानसभा का चुनाव
Uttarakhand By Election चुनावी मंच। वादे। घोषणाएं। दल और दलील भी। सहानुभूति के लिए स्थानीय बनाम बाहरी जैसे मुद्दा। सल्ट के समर में मतदाताओं को लुभाने के लिए राजनीति के खिलाड़ी कोई चाल बाकी नहीं रखते। पर सल्ट किसी से प्रभावित हुआ।
हल्द्वानी, अभिषेक राज : Uttarakhand By Election : चुनावी मंच। वादे। घोषणाएं। दल और दलील भी। सहानुभूति के लिए स्थानीय बनाम बाहरी जैसे मुद्दा। सल्ट के समर में मतदाताओं को लुभाने के लिए राजनीति के खिलाड़ी कोई चाल बाकी नहीं रखते। राज्य गठन के बाद 2002 का पहला जनादेश हो या फिर दूसरा, तीसरा और चौथा भी...। सल्ट न किसी की हवा में बहा और न ही किसी से प्रभावित हुआ।
हां, मतदाताओं को विश्वास रहा तो अपने निर्णय पर। सोच पर। उम्मीद बंधी तो सवाल भी किए और समर्थन में लीक को भी लांघ गए। मतदान सोच कर किया। समझकर जनादेश दिया। देखा कि कौन लड़ाई में है। किसकी सोच सही है। किसकी बातों में दम है। इरादे किसके बुलंद हैं। तभी तो अब तक के चुनाव मैदान में अतरे 80 से 85 फीसद प्रत्याशियों की जमानत ही जब्त कर दी। इनमें कई तो ऐसे रहे जो जीत के प्रति आश्वस्त रहे। लेकिन मतदाताओं के मन को पढ़ नहीं सके। परिणाम आने पर दंग।
वर्ष कुल प्रत्याशी जमानत जब्त फीसद
2002 12 10 83
2007 09 06 66
2012 09 07 77
2017 10 08 80
यहां तो बस दो की ही चलती है
सल्ट विधानसभा कई मामलों में खास है। मतदाता जागरूकता का अंदाजा तो मत विभाजन से ही चल जाता है। इसमें भी विशेष मतदाताओं की स्पष्ट सोच है। यह पहली ऐसी विधानसभा है जहां मुकाबला कभी त्रिकोणीय नहीं हुआ। हमेशा दो ही प्रत्याशियों को मतदाताओं ने खेलने का मौका दिया। कभी भाजपा-कांग्रेस तो कभी कांग्रेस-निर्दल। पहले से लेकर चौथे चुनाव तक मुकाबला बस दो के बीच ही।
वर्ष कुल मतदान विजेता दूसरा स्थान शेष प्रत्याशी मत
2002 28,850 कांग्रेस 11,988 भाजपा 8436 10 8426
2007 34,824 कांग्रेस 15,190 निर्दल 7115 07 12,519
2012 46942 भाजपा 23,956 कांग्रेस 18512 07 4474
2017 44044 भाजपा 21,581 कांग्रेस 18677 08 3786
ऐसा पहली बार हुआ 2007 में निर्दल की कांग्रेस से टक्कर 2007 में भाजपा लड़ाई से बाहर 2012 में कांग्रेस की करारी हारी 2017 में महिलाएं मैदान में 2021 में अप्रैल में मतदान 2021 में उप चुनाव कांग्रेस के स्टार प्रचारक हरीश रावत चुनाव से दूर
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