कुमाऊं रीजन के आठ डिपो को 180 टायरों की जरूरत, मुख्‍यालय भेजी गई डिमांड

कुमाऊं रीजन के आठ डिपो को 180 टायरों की जरूरत है। डिपोवार डिमांड रिपोर्ट मुख्यालय भेजी जा चुकी है। अब अफसर नए टायरों का इंतजार कर रहे हैं। टायरों के अभाव में कई बार गाडिय़ां रूट पर नहीं जा पाती।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Tue, 24 Aug 2021 11:22 AM (IST) Updated:Tue, 24 Aug 2021 11:22 AM (IST)
कुमाऊं रीजन के आठ डिपो को 180 टायरों की जरूरत, मुख्‍यालय भेजी गई डिमांड
कुमाऊं रीजन के आठ डिपो को 180 टायरों की जरूरत, मुख्‍यालय भेजी गई डिमांड

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : कुमाऊं रीजन के आठ डिपो को 180 टायरों की जरूरत है। डिपोवार डिमांड रिपोर्ट मुख्यालय भेजी जा चुकी है। अब अफसर नए टायरों का इंतजार कर रहे हैं। टायरों के अभाव में कई बार गाडिय़ां रूट पर नहीं जा पाती। चालक भी वर्कशॉप में खड़ी गाड़ी के टायर ठीक नहीं होने पर स्टेयरिंग थामने से मना कर देते हैं। जिससे निगम की आय पर खासा असर पड़ता है। पाट्र्स की किल्लत को स्थानीय स्तर पर डीलरों से उधार लेकर जैसे-तैसे पूरा किया जा रहा है।

कुमाऊं रीजन में निगम के पास कुल 395 बसों का बेड़ा है। लंबे रूट की बसों में टायरों की घिसाई ज्यादा होती है। हालांकि, टायर खरीद का निर्णय मुख्यालय से होता है। इसलिए 130 छोटे व 50 बड़े टायर उपलब्ध कराने के लिए मुख्यालय को पत्र भेजा गया है।

अब जरूरत कम हुई

पहले रोडवेज को हर माह 200 नए टायरों की जरूरत पड़ती थी। लेकिन अब डिमांड का ग्राफ नीचे आया है। कोरोना काल के दौरान पहले बसों का संचालन काफी प्रभावित रहा। अप्रैल से जुलाई की शुरूआत तक 70 प्रतिशत खड़ी रही। तीन महीने तक बड़ी संख्या में बसों के खड़े रहने के कारण टायरों की काफी बचत हो गई।

खुद की रिट्रेडिंग मशीन

रोडवेज के पास खुद की टायरों की रिट्रेडिंग मशीन भी है। काठगोदाम स्थित मंडलीय महाप्रबंधक परिसर में तकनीकी स्टाफ इसके लिए नियुक्त किया गया है। आरएम तकनीकी के मुताबिक यहां टायरों पर रबड़ चढ़ाई जाती है। रबड़ चढ़े टायर पहाड़ व मैदान दोनों रूटों पर चलते हैं।

chat bot
आपका साथी