अलग-थलग पड़ गए नैनीताल जिले के शिक्षा विभाग के मिनिस्ट्रीयल कर्मी
कुमाऊं समेत गढ़वाल में शिक्षा विभाग के मिनिस्ट्रीयल कर्मी जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन कर रहे हैं मगर नैनीताल जिले में शिक्षा विभाग के मिनिस्ट्रीयल कर्मियों पर इसका कोई असर पड़ता नजर नहीं आ रहा है। यहां मुख्य शिक्षा अधिकारी खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालयों में मिनिस्ट्रीयल कर्मी ड्यूटी पर मुस्तैद हैं।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : विभिन्न मांगों को लेकर इन दिनों सभी सरकारी विभागों के मिनिस्ट्रीयल कर्मी सांकेतिक हड़ताल या कार्यबहिष्कार कर रहे हैं। कुमाऊं समेत गढ़वाल में शिक्षा विभाग के मिनिस्ट्रीयल कर्मी जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन कर रहे हैं मगर, नैनीताल जिले में शिक्षा विभाग के मिनिस्ट्रीयल कर्मियों पर इसका कोई असर पड़ता नजर नहीं आ रहा है। यहां मुख्य शिक्षा अधिकारी, खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालयों में मिनिस्ट्रीयल कर्मी ड्यूटी पर मुस्तैद हैं। इससे स्पष्ट है कि जिले के मिनिस्ट्रीयल कर्मी संगठन से अलग-थलग पड़ रहे हैं।
मांगों की अनदेखी भी बड़ा कारण
संगठन के सूत्रों की मानें तो जिले के मिनिस्ट्रीयल कर्मियों की नाराजगी का सबसे बड़ा कारण है उनकी मांगों को नजरअंदाज करना। बताया कि पूर्व में संगठन की ओर से मंडल अध्यक्ष और मंत्री को नौ सूत्री मांगों का ज्ञापन दिया गया था। जिसमें सुगम-दुर्गम तैनाती में छूट, रिक्त पदों को भरने, कनिष्ठ सहायक पद कार्मिकों की दुर्गम सेवा पांच वर्ष करने, विधवा एवं विदुर कार्मिकों की पदोन्नति, अनिवार्य स्थानांतरण में छूट जैसी कई अहम मांगे रखी गई थी। लेकिन इनमें से कोई भी मांग मंडल या प्रांत कार्यकारिणी के मांगपत्र में शामिल नहीं की गई।
बोले जिलाध्यक्ष
एजुकेशनल मिनिस्ट्रीयल ऑफिसर्स एसोसिएशन नैनीताल के जिलाध्यक्ष हरिशंकर नेगी का मामले में कहना है कि उन्हें प्रांत स्तर से हड़ताल या आंदोलन को लेकर कोई निर्देश नहीं मिले हैं। यदि निर्देश मिलते तो जिले में भी हड़ताल शुरू की जाती।
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