मूर्ति विसर्जन के साथ दुर्गा उत्सव संपन्न, सिंदूर खेलकर भावुक हुई महिलाएं

जुबां पर मां दुर्गा के जयकारे और सिंदूर से रंगे चेहरे..। उत्साह और उमंग के साथ थोड़ी मायूसी भी। यह मौका है मां दुर्गा उत्सव के विसर्जन का। बंग समाज की ओर से श्रीरामकृष्ण धाम आश्रम कठघरिया में आयोजित दुगा उत्सव का सोमवार को समापन हो गया।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Mon, 26 Oct 2020 12:09 PM (IST) Updated:Mon, 26 Oct 2020 12:09 PM (IST)
मूर्ति विसर्जन के साथ दुर्गा उत्सव संपन्न, सिंदूर खेलकर भावुक हुई महिलाएं
मूर्ति विसर्जन के साथ दुर्गा उत्सव संपन्न, सिंदूर खेलकर भावुक हुई महिलाएं

हल्द्वानी, जेएनएन : जुबां पर मां दुर्गा के जयकारे और सिंदूर से रंगे चेहरे..। उत्साह और उमंग के साथ थोड़ी मायूसी भी। यह मौका है मां दुर्गा उत्सव के विसर्जन का। बंग समाज की ओर से श्रीरामकृष्ण धाम आश्रम कठघरिया में आयोजित दुगा उत्सव का सोमवार को समापन हो गया।

सुबह आश्र में महाआरती की गई। मां दुर्गा को 108 पुष्पांजलि अर्पित की गई। जयकारों के बीच विसर्जन की शोभायात्रा निकाली गई। इससे पहले महिलाओं ने एक-दूसरे के साथ जमकर सिंदूर खेला। मां के भजनों के बीच नाचती महिलाओं ने उत्सव मनाया। लालडांठ रोड होते हुए शोभायात्रा रानीबाग के लिए रवाना हो गई है।

दोपहर बाद रानीबाग के चित्रशिला घाट पर मूर्ति को गार्गी नदी में विजर्सित किया जाएगा। कोरोना संक्रमण को लेकर प्रशासन की ओर से जारी गाइडलाइन को देखते हुए इस बार आयोजन में भीड़़ नहीं हुई पूजा आयोजन समिति ने पहले ही भक्तों से आग्रह किया था कि कम संख्या में आयोजन में शामिल हों। शोभायात्रा में भी 50 से कम होग ही शामिल रहे।

इन्होंने दिया सहयोग

दुर्गा उत्सव 23 अक्टूबर से शुरू हुआ था। आयोजन को सफल बनाने में पुरोहित कमलेश बनर्जी, मानव चक्रवर्ती, विवेक वशिष्ठ, अशोक राॅय, परिमल हरधर, शर्मिला मित्रा, सुवीर सेन, प्रदीप मित्रा, नंदगोपाल साहु, स्मृति विश्वास, पांचाली सेन, नुपूर मित्रा, रितु सामंत आदि ने सहयोग किया।

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