डंप पड़ा करीब एक करोड़ का फ्लेवर्ड मिल्क पाउडर नौनिहालों को नहीं बंटेगा

लापरवाही के कारण डंप पड़ा करीब एक करोड़ रुपये का फ्लेवर्ड मिल्क पाउडर नौनिहालों को नहीं बंटेगा। देर से ही सही मगर शिक्षा विभाग को अपने गलती का अहसास हुआ

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Thu, 13 Aug 2020 07:49 PM (IST) Updated:Thu, 13 Aug 2020 07:49 PM (IST)
डंप पड़ा करीब एक करोड़ का फ्लेवर्ड मिल्क पाउडर नौनिहालों को नहीं बंटेगा
डंप पड़ा करीब एक करोड़ का फ्लेवर्ड मिल्क पाउडर नौनिहालों को नहीं बंटेगा

हल्द्वानी, जेएनएन : लापरवाही के कारण डंप पड़ा करीब एक करोड़ रुपये का फ्लेवर्ड मिल्क पाउडर नौनिहालों को नहीं बंटेगा। देर से ही सही मगर शिक्षा विभाग को अपने गलती का अहसास हुआ और अब सभी जिलों से अपने हिस्से का मिल्क पाउडर दुग्ध संघ को वापस करने को कहा है। समग्र शिक्षा अभियान के मध्याह्न भोजन योजना प्रकोष्ठ के अपर राज्य परियोजना निदेशक डॉ. मुकुल कुमार सती ने आदेश जारी कर दिए हैं।

मध्याह्न भोजन (एमडीएम) योजना का लाभ लेने वाले सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को फ्लेवर्ड सुगंधित दूध पिलाया जाना था। दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ लिमिटेड ने 28 टन मिल्क पाउडर तैयार कर लिया था। जिसकी वैलिडिटी छह माह थी। मगर, लॉकडाउन में स्कूल बंद होने के चलते नैनीताल जिले को छोड़कर अन्य जिलों ने दुग्ध चूर्ण लेने से ही मना कर दिया। इसके बावजूद महकमे के अफसरों ने प्रत्येक जिले से अपने हिस्से का मिल्क पाउडर दुग्ध संघ से लेकर विद्यार्थियों को बांटने को कह दिया।

बावजूद इसके मिल्क पाउडर दुग्ध संघ व संकुलों में डंप पड़ा रहा। मामले को प्रमुखता से उठाते हुए दैनिक जागरण ने 24 जुलाई के अंक में खबर के माध्यम से इस लापरवाही को उजागर किया था। जिसके बाद अब मिल्क पाउडर की वैलिडिटी अवधि खत्म होने में थोड़े ही दिन पहले शिक्षा विभाग ने मिल्क पाउडर सहकारी डेरी फैडरेशन लिमिटेड मंगल पड़ाव हल्द्वानी को वापस लौटाने का फरमान सुना दिया है। कहा है कि कोविड-19 के कारण बंद चल रहे स्कूलों में मिल्क पाउडर से तैयार दूध बच्चों को पिलाया जाना संभव नहीं है।

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