Uttrakhand Forest Fire News : महिलाओं की तत्परता से गांव व स्कूल में आग लगने से बचा, बाल-बाल बची बड़ी आबादी

Uttrakhand Forest Fire News बेरीनाग के उडियारी और थल के मड़ गांव तक पहुंच चुकी जंगल की आग को महिला वन कर्मियों और गांव की महिलाओं की कोशिश से बुझाया जा सका। पिथौरागढ़ में आग लगने की 100 अधिक घटनाएं मार्च से अब तक हो चुकी है।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Wed, 14 Apr 2021 06:22 AM (IST) Updated:Wed, 14 Apr 2021 06:22 AM (IST)
Uttrakhand Forest Fire News : महिलाओं की तत्परता से गांव व स्कूल में आग लगने से बचा, बाल-बाल बची बड़ी आबादी
लपटें इतनी विकराल थी विद्यालय तक आग तो दूसरी तरफ उडियारी गांव तक पहुंचने लगी।

टीम जागरण, पिथौरागढ़ : Uttrakhand Forest Fire News : जंगल की आग थमती नजर नहीं आ रही है। मुनस्यारी के कालामुनि से लेकर गणाईगंगोली और पिथौरागढ़ से धारचूला के मध्य जंगल धू-धू कर जल रहे हैं। वातावरण में धुंध छाई रहने से विजिबिलिटी कम हो चुकी है। वहीं बेरीनाग के उडियारी और थल के मड़ गांव तक पहुंच चुकी जंगल की आग को महिला वन कर्मियों और गांव की महिलाओं की कोशिश से बुझाया जा सका।

पिथौरागढ़ जिले में जंगल में आग लगने की 100 अधिक घटनाएं मार्च से अब तक हो चुकी है। इसमें 250 हेक्टेयर में फैले जंगल जल चुके हैं। मंगलवार को बेरीनाग के अल्मोड़ा-थल मार्ग से सटे जंगल में आग लग गई। उडियारी गांव के पास सोमवार सायं को बुझा दी गई आग मंगलवार सुबह फिर भड़क गई। गांव के करीब तक पहुंची आग ने मालती देवी सहित दो ग्रामीणों के घास के ढेर जला डाले। सूचना मिलते ही वन रेंज कार्यालय बेरीनाग से वन रेंजर चंद्रा महरा, वन दारोगा ज्योति वर्मा दल बल के साथ पहुंच गई। रेंजर और वन दारोगा ने गांव की महिलाओं ललिता देवी, शांति देवी, दीपा देवी, ममता, दुर्गा आदि के साथ आग बुझानी शुरू की।

लपटें इतनी विकराल थी एक तरफ सड़क किनारे स्थित निजी विद्यालय तक आग तो दूसरी तरफ उडियारी गांव तक पहुंचने लगी। महिलाओं ने सड़क किनारे लगी आग पत्तियों वाले झाडू़ व फायर लाइन के सहारे बुझा लिया। वहीं उडियारी गांव के पास तक पहुंची आग को दूसरे विभागीय कर्मियों ने ग्रामीणों के सहयोग से बुझाया। सुबह नौ बजे से ही महिलाएं आग बुझाने में जुट गई और सायं चार बजे के आसपास गांव को बचा लिया गया। 

वहीं थल तहसील के मड़ गांव में वन पंचायत के जंगल में लगी आग पर तुलसी देवी, उनकी बहू दीपा देवी, गांव निवासी कमला, पुष्पा, नीरज सिंह, देवराज सिंह, होशियार सिंह आदि ने दो घंटे की मशक्कत के बाद काबू कर लिया। एक हिस्से के चपेट में आने के बाद दीवान सिंह के पुश्तैनी मकान को भी बचा लिया गया।  

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