24 घंटे की बारिश से तराई तरबतर, धान भीगने से किसान परेशान

रविवार शाम से शुरू हुई बारिश सोमवार को दिन भर जारी रहा। लगातार रिमझिम बारिश से जहां आम जनजीवन को परेशानियों का सामना करना पड़ा वहीं किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। बारिश और हवा के चलते फसल धराशाई हो गया।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Mon, 18 Oct 2021 07:06 PM (IST) Updated:Mon, 18 Oct 2021 07:06 PM (IST)
24 घंटे की बारिश से तराई तरबतर, धान भीगने से किसान परेशान
करीब 10 से 12 फीसद धान को नुकसान हुआ है।

जागरण संवाददाता, रुद्रपुर : करीब एक माह के बाद फिर से तराई में माैसम ने करवट ली है। मौसम विभाग ने तीन दिन पहले ही इस संबंध में अलर्ट जारी कर दिया था। रविवार शाम से लगातार हुई 24 घंटे की बारिश से जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया। राहगीरों को परेशानी सड़क पर तो किसानों को धान की फिक्र सताया। लाही, उड़द सबसे अधिक नुकसान हुआ है। सितारगंज में हजारों क्विंटल धान भीग गया।

मौसम विज्ञानियों का पूर्वानुमान सटीक बैठा। रविवार शाम से शुरू हुई बारिश सोमवार को दिन भर जारी रहा। लगातार रिमझिम बारिश से जहां आम जनजीवन को परेशानियों का सामना करना पड़ा वहीं किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। लगातार 24 घंटे की बारिश और हवा के चलते खेल में खड़ी फसल और तैयार फसल धराशाई हो गई। ऊधम सिंह नगर में करीब एक से सवा लाख हेक्टेयर में धान की खेती होती है। अब तक 30 फीसद कटाई पूरी हो चुकी है।

धान की फसल की बात करें तो खड़े फसल को नुकसान नहीं होगा, जबकि जो पेड़ गिर गए हैं, वह खराब हो गए हैं। कृषि रक्षा अधिकारी विधि उपाध्याय ने बताया कि करीब 10 से 12 फीसद धान को नुकसान हुआ है। सबसे अधिक लाही की खेती को बारिश ने खराब किया। बताया कि करीब 40 से 50 फीसद लाही की फसल जिले में बर्बाद हुई है। इसके अलावा उड़द करीब 20-25 फीसद नुकसान हुआ है। धान की खेती में हवा से जो फसल गिर गए, उन्हें नुकसान हुआ है। जिला उद्यान अधिकारी हरिशचंद्र तिवारी ने बताया कि गोभी, टमाटर सहित अन्य सब्जियों के लिए बारिश फायदेमंद है। अब तक कोई भारी नुकसान की सूचना नहीं है। 

15-20 हजार हेक्टेयर खेती प्रभावित 

जिले में करीब एक लाख तीन हजार हेक्टेयर में धान की खेती होती है। बारिश की वजह से पेड़ गिरे हैं वह पूरी तरह से बर्बाद हो चुके हैं। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक करीब 10 फीसद नुकसान हुआ है। कुल मिलाकर 15 से 20 हजार हेक्टेयर धान की खेती प्रभावित है। 

खटीमा और सितारगंज को कम नुकसान 

खटीमा और सितारगंज ब्लाक में धान की खेती शुरू में होने से नुकसान से बचे हैं। खटीमा में करीब 80 से 90 फीसद धान की कटाई हो चुकी है। जबकि सितारगंज में 40 फीसद कटाई हुई है। 

अभी कटाई सिर्फ 10 फीसद 

रुद्रपुर, गदरपुर, काशीपुर, बाजपुर और जसपुर में कटाई सिर्फ 10 फीसद हुई है। इन ब्लाकों में अधिक किसानों ने देरी से धान की बुआई करते हैं, जिसके चलते यहां करीब 10 फीसद ही कटाई अब तक हुई है, 90 फीसद फसल खेतों में हैं। कृषि अधिकारी विधि उपाध्याय ने बताया कि बारिश से धान को करीब 10 फीसद, लाही जो 15 से 20 दिन पहले के हैं उनका 40 से 50 फीसद, उड़द 20-25 फीसद नुकसान हुआ है। खेतों में पानी का भरान न हो, जल्द निकल जाए तो नुकसान में कमी आएगी। फिलहाल किसान कटाई की जल्दी न करें, नमी अधिक होगी।

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