अवैध खनन के चलते बदला भदेली का भूगोल, कभी हरे भरे खेतों वाली अब गोरी नदी का रोखड़ बना

गोरी नदी किनारे मैदाननुमा खेतों में खेती होती थी। भदेली की जमीन काफी उपजाऊ मानी जाती थी। भदेली इस घाटी का सबसे आकर्षक सेरा था। सड़क किनारे होने से यह स्थल खनन कर्ताओ के लिए सबसे मुफीद स्थल रहा। यहां पर खनन होने लगा।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Sat, 19 Jun 2021 05:43 PM (IST) Updated:Sat, 19 Jun 2021 05:43 PM (IST)
अवैध खनन के चलते बदला भदेली का भूगोल, कभी हरे भरे खेतों वाली अब गोरी नदी का रोखड़ बना
ग्रामीणों के रहने के लिए अब इंच भर भूमि भी शेष नहीं रहने दी है।

जागरण संवाददाता, मदकोट (प‍िथौरागढ़) : मदकोट-मुनस्यारी मार्ग में मदकोट के निकट भदेली नामक स्थान पर प्रतिवर्ष आपदा कहर ढा रही है। इस स्थान पर अवैज्ञानिक खनन से गोरी नदी को प्रतिवर्ष मानसून काल में आपदा के लिए आमंत्रित किया जाता है।

बीते दो दशकों के बीच भदेली का भूगोल प्रतिवर्ष बदल जाता है। नब्बे के दशक तक भदेली एक अच्छी बस्ती थी। यहां पर कई परिवार निवास करते थे। गोरी नदी किनारे मैदाननुमा खेतों में खेती होती थी। भदेली की जमीन काफी उपजाऊ मानी जाती थी। भदेली इस घाटी का सबसे आकर्षक सेरा था। सड़क किनारे होने से यह स्थल खनन कर्ताओ के लिए सबसे मुफीद स्थल रहा। यहां पर खनन होने लगा। इस तरह के खनन से गोरी नदी ने अपना मार्ग बदला। ढाई दशक पूर्व भदेली का भूगोल बदलने लगा और एक बस्ती का रकबा घटने लगा।

बीते वर्ष तक यह हालत हो गए कि भदेली जौलजीबी -मुनस्यारी मार्ग तक सिमट गया। सैकड़ों नाली भूमि गोरी नदी की भेंट चढ़ गई । प्रतिवर्ष गोरी नदी तट पर अवैध खनन से जहां पर पूर्व में खेत थे वहां पर रोखड़ बन गया। बीते दिनों इस स्थल पर मशीन लगा कर जमकर खनन किया गया। प्री मानसून काल की पहली बारिश में ही गोरी नदी ने अपना मुहाना चौड़ा कर दिया और ग्रामीणों के रहने के लिए अब इंच भर भूमि भी शेष नहीं रहने दी है। यहां तक जौलजीबी -मुनस्यारी मार्ग को भी अपनी चपेट में ले लिया है।

22 साल बाद दबोचा गया हत्या का आरोपी छोटेलाल

पिथौरागढ़ : हत्या के मामले का आरोपी 22 वर्ष पुलिस के हत्थे चढ़ गया। लंबे समय से पुलिस को चकमा दे रहा आरोपी सर्विलांस की मदद से पुलिस की गिरफ्त में आया। आरोपी को न्यायालय के समक्ष पेश किया जा रहा है।

बरेली जिले के ग्राम बडिय़ा निजावत खां निवासी छोटे लाल पुत्र सुंदर लाल पर वर्ष 1997 में थल क्षेत्र में फेरी लगाने का कारोबार करता था। उसके साथ ही एक अन्य व्यक्ति भी फेरी का कारोबार करता था। मुवानी रोड में दोनों के बीच विवाद हुआ और छोटे लाल ने उसकी हत्या कर दी। छोटे लाल के खिलाफ थल थाने में हत्या का मुकदमा दर्ज हुआ। मुकदमा दर्ज होने के बाद उसे हिरासत में ले लिया गया। छोटे लाल वर्ष 1999 में डीडीहाट से फरार हो गया।

पिथौरागढ़ जिले की पुलिस पिछले 21 वर्षो से छोटे लाल की तलाश कर रही थी। तीन रोज पूर्व पिथौरागढ़ पुलिस को छोटे लाल के चंडीगढ़ में होने की सूचना मिली। पुलिस अधीक्षक सुखबीर सिंह ने थल थाना प्रभारी बिशन लाल को टीम गठित कर छोटे लाल को पकडऩे के निर्देश दिए। थल पुलिस जब तक चंडीगढ़ पहुंचती तब तक छोटे लाल को किसी माध्यम से पुलिस के चंडीगढ़ आने की सूचना मिल गई। छोटे लाल चंडीगढ़ से फरार हो गया। इस दौरान पुलिस को उसका फोन नंबर मिल गया था, जिसे सर्विलांस में रखा गया था। सर्विलांस से छोटे लाल की लोकेशन काशीपुर में मिली। पुलिस टीम ने काशीपुर पहुंचकर छोटे लाल को दबोच लिया। छोटे लाल को पुलिस पिथौरागढ़ ले आई है। छोटे लाल को दबोचने वाली टीम में एसआई जावेद हसन, कांस्टेबल बृजेश नयाल शामिल थे।

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