तराई में महिलाओं के नेटवर्क से चल रहा नशे का कारोबार, छह बड़ेे तस्करों पर पुलिस की नजर

तराई में नशे का काला कारोबार तेजी से पैर पसार रहा है। पुलिस की लाख कोशिशों के बाबजूद नशे के सौदागर अपने मंसूबों में कामयाब हो जा रहे हैं। पुलिस-प्रशासन के लाख दावों के बावजूद इनके जाल को तोड़ना मुश्किल हो रहा है।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Mon, 05 Jul 2021 08:31 AM (IST) Updated:Mon, 05 Jul 2021 08:31 AM (IST)
तराई में महिलाओं के नेटवर्क से चल रहा नशे का कारोबार, छह बड़ेे तस्करों पर पुलिस की नजर
तराई में महिलाओं के नेटवर्क से चल रहा नशे का कारोबार, छह बड़ी महिला तस्करों पर पुलिस की नजर

काशीपुर, अभय पांडेय : तराई में नशे का काला कारोबार तेजी से पैर पसार रहा है। पुलिस की लाख कोशिशों के बाबजूद नशे के सौदागर अपने मंसूबों में कामयाब हो जा रहे हैं। पुलिस-प्रशासन के लाख दावों के बावजूद इनके जाल को तोड़ना मुश्किल हो रहा है। जिले में नशा तस्करों में अब महिलाएं भी सक्रिय हैं। बड़ी संख्या में महिलाएं ड्रग पैडलर बन रही हैं। पिछले दो साल में कई महिला तस्करों की गिरफ्तारी हो चुकी है। यूपी और उत्तराखंड के सीमावर्ती जिलों से गैंग चला रहीं छह बड़ी महिला तस्करों पर अब पुलिस की नजर है। इनमें कुछ के पति पहले से ही इस धंधे में हैं। कुछ दिन पहले ही काशीपुर से एक महिला तस्कर को जेल भेजा गया। इस मामले में बड़ा नाम तब सामने आया, जब काशीपुर में 60 लाख की स्मैक तस्करी खुली। इसमें यूपी के फतेहगंज से रेशमा नाम की महिला तस्कर का नेटवर्क पूरे तराई क्षेत्र में पुलिस के नाक में दम किए हुए है।

कोड के जरिये होती है सप्लाई

सूत्रों की मानें तो ड्रग सप्लाई करने वाली महिलाओं को एक कोड दिया जाता है। इस कोड के जरिए ये महिलाएं दूसरे शहर में अपने नेटवर्क की महिलाओं के संपर्क में आती है। इन महिला तस्करों को विभिन्न शहरों में भेजने के लिए सार्वजनिक परिवहन के जरिये बार्डर पार करवाया जाता हैं। बातचीत के लिए मोबाइल इंटरनेट नेटर्विकंग कॉलिंग का इस्तेमाल होता है। पार्टियों या किसी खास जगह डिलीवरी के लिए इनकी अलग टीम रहती है।

हुक्का बार और कैफे के जरिये युवाओं को परोसा जा रहा ड्रग

जिले में 100 से च्यादा हुक्का बार, बार और पब धड़ल्ले से चल रहे हैं। इनमें युवाओं को नशे का आदी बनाने के लिए शुरू में पार्टी के नाम पर बुलाया जाता है। हुक्का बार में पार्टी के नाम पर युवतियां शामिल होती हैं और इनमें जमकर हुक्के के साथ ड्रग का इस्तेमाल शुरू कर दिया जाता है। आलम यह है कि स्कूल में पढऩे वाले लड़के और लड़कियां भी इन पाॢटयां में शामिल होते हैं। एसपी काशीपुर प्रमोद कुमार ने बताया कि पुलिस महिला तस्करों का नेटवर्क तोडऩे में जुटी है। इसमें एक मुख्य महिला सरगना को पकडऩे के लिए टीम काम कर रही है। युवाओं को खास तौर पर जागरूक रखने के लिए पुलिस की तरफ से विभिन्न मोहल्लों में कैंप भी किया जा रहा है।

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