शिक्षक का एक नारा, गांव से खत्म हुआ नशे का अंधियारा

शिक्षा का हम सबके जीवन में बड़ा महत्व है और गुरु के बिना इसकी कल्पना नहीं हो सकती है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 06 Dec 2020 05:00 AM (IST) Updated:Sun, 06 Dec 2020 05:00 AM (IST)
शिक्षक का एक नारा, गांव से खत्म हुआ नशे का अंधियारा
शिक्षक का एक नारा, गांव से खत्म हुआ नशे का अंधियारा

भानु जोशी, हल्द्वानी : शिक्षा का हम सबके जीवन में बड़ा महत्व है और गुरु के बिना इसकी कल्पना असंभव है। एक गुरु केवल पठन-पाठन तक ही सीमित नहीं होता, बल्कि समाज को सही दशा और दिशा देना भी उसी काम है। अल्मोड़ा जिले के धौलादेवी ब्लाक के सबसे दुर्गम क्षेत्र के राजकीय प्राथमिक विद्यालय बजेला के एक मात्र शिक्षक भाष्कर जोशी इसकी मिशाल हैं। उन्होंने न केवल गांव के बच्चों को पढ़ाई की ओर प्रेरित किया बल्कि गांव को नशा मुक्त बनाकर मिशाल भी पेश की है।

राजकीय प्राथमिक विद्यालय बजेला मुख्य संपर्क मार्ग से छह किलोमीटर की दूरी पर दुर्गम क्षेत्र में स्थित है। यहां आज तक सड़क नहीं पहुंच सकी है। बरसात में रास्ते में नदी उफान पर आ जाती है, जिसके चलते शिक्षक भाष्कर जोशी कई किलोमीटर का लंबा सफर तयकर स्कूल पहुंचते हैं। उन्होंने स्कूल में पठन-पाठन के अलावा एक अनोखी मुहिम भी शुरू की। आसपास के गांवों में 'स्वच्छ बेटी-स्वच्छ मां' अभियान के तहत मांओं को जागरूक किया। साथ ही 'शिक्षा का प्रसार-नशे का तिरस्कार' नारे से गांव में नशे के खिलाफ क्रांति शुरू कर दी। अभिभावकों से उन्होंने अपील की कि वे अपने बच्चों के सामने धूमपान या शराब का सेवन न करें। इसका असर ये हुआ कि इन गांवों में अब कोई भी व्यक्ति सार्वजनिक तौर पर नशा नहीं करता है। जोशी ने बताया कि वे अब तक सेवित क्षेत्र बजेला, नैनीपड़ाव, पथराड़, नाली गांव, नैलफड़ में नशे के प्रति जागरूकता अभियान चला चुके हैं, जिसमें उन्हें लोगों का भरपूर साथ मिल रहा है।

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एजुकेशन फार आल का अपनाया कांसेप्ट

आनलाइन शिक्षा की शुरुआत भाष्कर जोशी ने चार साल पहले ही कर दी थी। अपने स्कूल की पहली से पांचवीं तक की कक्षा के बच्चों के लिए 'एजुकेशन फार आल' नाम से यूट्यूब चैनल बनाया। इसमें वे शिक्षण सामग्री की आडियो-वीडियो खुद से तैयार कर अपलोड कर बच्चों को दिखाते हैं। इधर, कोरोना काल में उन्होने इसमें और शिक्षण सामग्री जोड़कर अन्य स्कूलों के बच्चों के लिए भी उपयोगी बनाया है। 2019 में मिला था पुरस्कार

शिक्षक भाष्कर जोशी को शिक्षा के क्षेत्र में शून्य निवेश नवाचार के लिए 2019 में केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' द्वारा सम्मानित भी किया जा चुका है। उन्हें इस बार के मुख्यमंत्री सुशासन पुरस्कार के लिए भी नामित किया गया है।

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