अल्मोड़ा में पेयजल पाइप लाइन क्षतिग्रस्त, तीन बड़े क्षेत्रों के करीब 3000 लोग पानी को तरसे
कोसी पंप हाउस से पातालदेवी स्थित वितरण टैंक तक पानी पहुंचाने वाला मुख्य पाइप जगह जगह क्षतिग्रस्त हो गया था। मंगलवार को विभागीय टीम सुबह से ही जंक से बेदम हो चुकी लाइन को वेल्डिंग के जरिये दुरुस्त करने में जुटे रहे।
जागरण संवाददाता, अल्मोड़ा : पर्वतीय क्षेत्रों में पेयजल संकट ने दुश्वारियां बढ़ा दी हैं। कई पाइप लाइन ही बेपानी हैं। जहां हैं तो वर्षों से रखरखाव के अभाव में जवाब देने लगे हैं। हालिया कोसी पंप हाउस की पातालदेवी स्टोरेज टैंक को आपूर्ति करने वाला पाइप क्षतिग्रस्त होने से नगर के चार बड़े मोहल्लों को पानी नसीब न हो सका। करीब तीन हजार की आबादी प्रभावित रही। इधर दिनभर पाइप की मरम्मत चलती रही। विभागीय अधिकारियों ने कहा कि बुधवार से जलापूर्ति सुचारू कर ली जाएगी।
कोसी पंप हाउस से पातालदेवी स्थित वितरण टैंक तक पानी पहुंचाने वाला मुख्य पाइप जगह जगह क्षतिग्रस्त हो गया था। मंगलवार को विभागीय टीम सुबह से ही जंक से बेदम हो चुकी लाइन को वेल्डिंग के जरिये दुरुस्त करने में जुटे रहे। इससे जिला मुख्यालय के मोहल्ला जाखनदेवी, लक्ष्मेश्वर, कर्नाटकखोला व पांडेखाला की जलापूर्ति पूरी तरह बाधित रही।
कसारदेवी के तीन गांवों में सूखा
पातालदेवी स्टोरेज टैंक को जलापूर्ति करने वाली वर्षों पुरानी जर्जर पाइपलाइन में लीकेज से जहां हजारों लीटर पानी रोज बर्बाद हो रहा है। वहीं कोसी कसारदेवी पेयजल योजना से जुड़े हवालबाग ब्लॉक के तीन गांव बूंद बूंद को तरस रहे। यहां कसारदेवी स्थित टैंक तक तो पानी पहुंच रहा लेकिन टीकमगढ़ जलाशय तक विभाग जलापूर्ति नहीं करा सका है। नतीजतन, माट, मटेना व गधोली गांव में संकट लगातार बढ़ रहा है। इससे नाराज ग्राम प्रधान गधोली अर्जुन सिंह मुस्यूनी, गुड्डी बिष्टï मटेना व ममता मेहरा माट, पंचायत प्रतिनिधि पूरन सिंह आदि ने विभाग के खिलाफ जनांदोलन की चेतावनी दी है।
ईई जल संस्थान केएस खाती ने बताया कि देर शाम तक क्षतिग्रस्त पेयजल लाइन की मरम्मत कर ली जाएगी। कर्मचारी दिनभर सुधारीकरण कार्य में लगे हैं। बुधवार की प्रात: से पानी की सप्लाई दुरुस्त हो जाएगी।