कुमाऊं व अल्मोड़ा विश्वविद्यालय के बीच पदों का बंटवारा, नैनीताल में हुई उच्चस्तरीय बैठक

पिछले साल आवासीय विवि का एसएसजे परिसर में विलय करते हुए सोबन सिंह जीना विवि का गठन कर दिया था। नए विवि के गठन के बाद एसएसजे परिसर सहित अल्मोड़ा बागेश्वर पिथौरागढ़ और चंपावत जिलों के सभी महाविद्यालय कुमाऊं विवि से अलग कर दिए गए थे।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Sat, 19 Jun 2021 09:11 AM (IST) Updated:Sat, 19 Jun 2021 09:11 AM (IST)
कुमाऊं व अल्मोड़ा विश्वविद्यालय के बीच पदों का बंटवारा, नैनीताल में हुई उच्चस्तरीय बैठक
सृजित पदों का विधिवत बंटवारा हो गया है।

जागरण संवाददाता, नैनीताल : शासन से प्राप्त दिशा निर्देशानुसार कुमाऊं विवि व सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय अल्मोड़ा के बीच सृजित पदों का विधिवत बंटवारा हो गया है। सोबन सिंह जीना परिसर अल्मोड़ा पहले कुमाऊं विवि का परिसर था पिछले साल आवासीय विवि का एसएसजे परिसर में विलय करते हुए सोबन सिंह जीना विवि का गठन कर दिया था। नए विवि के गठन के बाद एसएसजे परिसर सहित अल्मोड़ा, बागेश्वर, पिथौरागढ़ और चंपावत जिलों के सभी महाविद्यालय कुमाऊं विवि से अलग करके नए विवि से संबद्ध कर दिए गए थे।

शुक्रवार शाम को कुमाऊं विवि प्रशासनिक भवन में दोनों विश्वविद्यालयों के अधिकारियों की उच्चस्तरीय बैठक में सर्वसम्मिति से पदों का बंटवारा किया गया। तय हुआ कि पृथक विश्वविद्यालय बनने से अल्मोड़ा के सृजित शैक्षिक एवं शिक्षणेत्तर पदों को एसएस जीना विवि अल्मोड़ा को शासनादेश सहित विधिवत हस्तांतरित कर दिया गया। बैठक में तय किया गया कि इसके उपरांत जिस विश्वविद्यालय के सापेक्ष जो पद सृजित हैं, उन पदों पर कार्यरत कार्मिकों पर समस्त प्रशासनिक नियंत्रण सम्बंधित विश्वविद्यालय का रहेगा।

कुमाऊं विवि के कुलसचिव दिनेश चंद्रा ने इसे ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि दोनों विश्वविद्यालय आगे भी आपसी समन्वय स्थापित कर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देकर पहाड़ के युवाओं की आकांक्षाओं को पूरा करने का प्रयास करेंगे। बैठक में डीएसबी परिसर निदेशक प्रो एलएम जोशी, अल्मोड़ा के कुलसचिव डॉ विपिन जोशी, अल्मोड़ा के निदेशक प्रो जगत सिंह बिष्ट, वित्त नियंत्रक एलआर आर्या, उप कुलसचिव दुर्गेश डिमरी, नीरज साह, जेएस मेहरा, पार्वती आर्या आदि उपस्थित रहे।

कुमाऊं विवि के अधीन रहे एसएसजे परिसर को विवि बनाए जाने के बाद से अभी कोरोना काल ही चल रहा था। तब से पदों को लेकर बंटवारा नहीं हो पाया था। अब पद बंट जाने से दोनों विवि में दायित्वों में पारदर्शिता आ गई है। इससे दोनों के कामकाज सुचारू ढंग से चल सकेंगे। इसके साथ ही दोनों विवि के अधिकारियों ने भविष्य में इसी तरह से समन्वित होकर कार्य करने की दृढ़ता भी जाहिर की है।

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