मामला उछलते ही जिला पंचायत सदस्य ने अतिथि शिक्षक पद छोड़ा, सीइओ को भेजा त्यागपत्र

पहले जीआइसी बग्वालीपोखर में तैनाती फिर रसूख का इस्तेमाल कर दो सप्ताह के भीतर मनमाफिक विद्यालय में खुद को संबद्ध कराने वाली डीडा की जिला पंचायत सदस्य अंजू राणा ने अतिथि शिक्षक के पद से इस्तीफा दे दिया है।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Thu, 16 Sep 2021 07:05 PM (IST) Updated:Thu, 16 Sep 2021 07:05 PM (IST)
मामला उछलते ही जिला पंचायत सदस्य ने अतिथि शिक्षक पद छोड़ा, सीइओ को भेजा त्यागपत्र
मामला उछलते ही जिला पंचायत सदस्य ने अतिथि शिक्षक पद छोड़ा, सीइओ को भेजा त्यागपत्र

संवाद सूत्र, द्वाराहाट (द्वाराहाट) : अल्‍मोड़ा जिले में अतिथि शिक्षक मामले ने तूल पकड़ने के कुछ ही घंटों के बाद नाटकीय मोड़ ले लिया। पहले जीआइसी बग्वालीपोखर में तैनाती फिर रसूख का इस्तेमाल कर दो सप्ताह के भीतर मनमाफिक विद्यालय में खुद को संबद्ध कराने वाली डीडा की जिला पंचायत सदस्य अंजू राणा ने अतिथि शिक्षक के पद से इस्तीफा दे दिया है। पंचायत प्रतिनिधि की सरकारी विद्यालय में नियुक्ति और संबद्धता के इस खेल में शिक्षा विभाग की भूमिका सवालों के घेरे में आ गई थी। मगर जिपं सदस्य के स्वत: नौकरी से त्यागपत्र देने के फैसले से विभागीय अधिकारियों को बड़ी राहत मिली है।

अक्टूबर 2019 में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में अंजू राणा डीडा क्षेत्र से जिला पंचायत सदस्य चुनी गई थी। पद पर रहते हुए उन्होंने 2020 में अतिथि शिक्षक के लिए आवेदन किया। वह सरकार में एक कैबिनेट मंत्री की खास बताई जाती हैं। हालिया उनका चयन अतिथि शिक्षक के लिए हो गया। उनकी एक सितंबर को जीआइसी बग्वालीपोखर में बतौर अतिथि शिक्षक (प्रवक्ता राजनीति विज्ञान) के रूप में नियुक्ति भी हो गई। यहां तक तो मामला दबा रहा। चिंगारी तब उठी, जब जिपं सदस्य के साथ अतिथि शिक्षक बनी अंजू राणा ने सियासी पहुंच के जरिये खुद को जीजीआइसी दौलाघट से संबद्ध करा दिया। सीइओ से बीती 13 सितंबर को लिखित आदेश भी जारी करा दिया।

ऐसे खुला मामला

नियुक्ति के 13 दिन बाद ही अतिथि शिक्षक अंजू को अन्यत्र संबद्ध किए जाने संबंधी आदेश पर अभिभावक व पंचायत प्रतिनिधि भड़क उठे थे। बीते रोज उन्होंने प्रधानाचार्य का घेराव कर संबद्धीकरण रद किए जाने की मांग उठाई थी। शाम को पता लगा कि अतिथि शिक्षक जिला पंचायत सदस्य भी है। मामला खुला तो विभागीय अधिकारी भी सन्न रह गए।

फिर भी सियासत को महत्व

अतिथि शिक्षक की नौकरी पा चुकी जिपं सदस्य अंजू ने बच्चों का भविष्य संवारने के बजाय सियासत को ज्यादा महत्व दिया। उनका यह कदम भी सुर्खियों में है। मुख्य शिक्षा अधिकारी अल्मोड़ा एचबी चंद ने बताया किअतिथि शिक्षक के रूप में कार्यरत जिला पंचायत सदस्य अंजू राणा ने नौकरी से परित्याग का लिखित पत्र सौप दिया है। अब मामला स्वत: की समाप्त हो चुका है।

अब क्या होगा विद्यार्थियों की पढ़ाई का

अभिभावकों का गुस्सा इतने भर से शांत नहीं हुआ है। उन्हें अब बच्चों के भविष्य की चिंता सताने लगी है। जीआइसी बग्वालीपोखर 11वीं में 71 व 12वीं में 17 विद्यार्थी राजनीति विज्ञान पढ़ रहे हैं। जिपं सदस्य अंजू राणा के इस्तीफे के बाद यह पद फिर रिक्त हो गया है। ग्राम प्रधान मेल्टा प्रमोद जोशी ने कहा कि राजनीति विज्ञान के अतिरिक्त गणित शिक्षक के लिए पुन: मांग की जाएगी। सीइओ कार्यालय में कई आवेदन लंबित हैं। नई नियुक्ति जल्द न हुई तो जनांदोलन करेंगे।

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