हल्द्वानी एमबीपीजी कालेज में शुरू होगा पत्रकारिता में डिप्लोमा

एमबीपीजी महाविद्यालय के हिंदी विभाग के माध्यम से नया पत्रकारिता की पढ़ाई शुरू करने की योजना है। सहायक प्राध्यापक डा. जगदीश चंद्र जोशी इस संबंध में प्रस्ताव बनाने की अनुमति के लिए प्राचार्य को प्रार्थना पत्र दिया है।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Wed, 27 Oct 2021 07:54 PM (IST) Updated:Wed, 27 Oct 2021 07:54 PM (IST)
हल्द्वानी एमबीपीजी कालेज में शुरू होगा पत्रकारिता में डिप्लोमा
प्राचार्य प्रोफेसर बीआर पंत ने अनुमति भी दे दी है।

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : पत्रकार गणेश शंकर विद्यार्थी की जयंती पर पत्रकारिता में यूजी व पीजी डिप्लोमा शुरू करने पर विचार किया गया। निकट भविष्य में एमबीपीजी कालेज में पत्रकारिता का पाठ्यक्रम शुरू किया जा सकता है। इसके लिए कालेज स्तर पर प्रयास शुरू कर दिया गया है। एमबीपीजी महाविद्यालय के हिंदी विभाग के माध्यम से नया पत्रकारिता की पढ़ाई शुरू करने की योजना है। सहायक प्राध्यापक डा. जगदीश चंद्र जोशी इस संबंध में प्रस्ताव बनाने की अनुमति के लिए प्राचार्य को प्रार्थना पत्र दिया है। जिसमें प्राचार्य प्रोफेसर बीआर पंत ने अनुमति भी दे दी है।

सहायक प्राध्यापक डा. जोशी ने जानकारी दी कि पत्रकारिता से संबंधित पाठ्यक्रम संचालित होने से स्थानीय विद्यार्थियों को लाभ मिलेगा। हल्द्वानी के आसपास के किसी भी महाविद्यालय में पत्रकारिता से संबंधित कोई भी पाठ्यक्रम संचालित नहीं है। जिस कारण कुमाऊं के प्रवेश द्वार पर स्थित उत्तराखंड के सर्वाधिक छात्र संख्या वाले राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय हल्द्वानी के विद्यार्थियों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। वर्तमान समय में प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रानिक मीडिया के साथ-साथ डिजिटल मीडिया के आ जाने से इस पाठ्यक्रम की और अधिक आवश्यकता महसूस की जा रही थी।

प्राचार्य डा. बीआर पंत ने प्रस्ताव बनाने की अनुमति देते हुए कहा कि एमबीपीजी के हिंदी विभाग में पत्रकारिता संबंधी यूजी और पीजी डिप्लोमा पाठ्यक्रम निश्चित रूप से युवाओं को रोजगार प्रदान करने में सहायक सिद्ध होगा। वहीं इस कोर्स को शुरू किए जाने की मांग छात्र-छात्राएं पहले भी करते रहे हैं। जिसमें कालेज में इस संबंध में नया विभाग शुरू करने की भी मांग की गई है। फिलहाल शिक्षकों का कहना है कि शुरुआत में हिंदी विभाग के माध्यम से ही कोर्स शुरू किया जाएगा। बाद में आवश्यकता पडऩे पर अलग से विभाग शुरू किया जा सकता है। फिलहाल छात्रों की लंबे समय पुरानी मांग पूरी होती दिख रही है।

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