एरीज के नवनियुक्त निदेशक प्रो. दीपांकर ने कहा, देश के सेटेलाइट्स का सुरक्षा कवच होगा आदित्य

आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान (एरीज) के नवनियुक्त निदेशक प्रो. दीपांकर बनर्जी ने कहा है कि भारतीय आदित्य मिशन देश के सेटेलाइट का सुरक्षा कवच बनेगा।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Sun, 15 Dec 2019 07:19 PM (IST) Updated:Mon, 16 Dec 2019 11:16 AM (IST)
एरीज के नवनियुक्त निदेशक प्रो. दीपांकर ने कहा, देश के सेटेलाइट्स का सुरक्षा कवच होगा आदित्य
एरीज के नवनियुक्त निदेशक प्रो. दीपांकर ने कहा, देश के सेटेलाइट्स का सुरक्षा कवच होगा आदित्य

नैनीताल, जेएनएन : आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान (एरीज) के नवनियुक्त निदेशक प्रो. दीपांकर बनर्जी ने कहा है कि भारतीय आदित्य मिशन देश के सेटेलाइट का सुरक्षा कवच बनेगा। वहीं दुनिया की बड़ी परियोजना 30 मीटर की दूरबीन के निर्माण में एरीज की भागीदारी संस्थान को देश में अलग मुकाम दिलाने में मददगार साबित होगी। वह रविवार को एरीज में पत्रकार वार्ता कर रहे थे।

वेदर की पूरी जानकारी देने में सक्षम होगा मिशन

प्रो. दीपांकर बनर्जी एरीज के निदेशक के साथ ही देश के पहले भारतीय सोलर मिशन आदित्य के साइंटिफिक ग्रुप के चेयरमैन भी हैं। उन्होंने कहा कि इसरो का आदित्य मिशन अगले दो सालों में लांच कर दिया जाएगा। इसकी तुलना नासा के पार्कर सोलर प्रोब से नहीं की जा सकती, लेकिन यह हमारे सेटेलाइट्स को प्रभावित करने वाले सूर्य के उच्च ऊर्जावान कणों से बचाने में मील का पत्थर जरूर साबित होगी। सूर्य के उच्च ऊर्जावान कणों के उत्सर्जित होते ही इसकी सूचना आदित्य के जरिए हमें मिल जाएगी, जिससे सेटेलाइट्स का बचाव तो किया ही जा सकेगा, सौर चक्रवात से हवाई सेवाओं के उड़ान में आने वाली दिक्कतों से भी निजात मिलेगी। सूर्य से धरती के बीच स्पेस वेदर की संपूर्ण जानकारी देने में भी यह मिशन सक्षम होगा। आदित्य को वर्ष 2013 में लांच किया जाना था, लेकिन उच्चस्तरीय उपकरण व तकनीक विकसित करने के चलते इसमें विलंब हो गया। पत्रकार वार्ता में उनके साथ कुलसचिव रवींद्र कुमार व वैज्ञानिक डॉ. शशिभूषण पांडे भी मौजूद थे।

3.6 मीटर दूरबीन को पूर्ण दक्ष बनाना अभी शेष

एरीज की 3.6 मीटर दूरबीन को लेकर प्रो. दीपांकर ने कहा कि एशिया की इस अभूतपूर्व सुविधा को संपूर्ण रूप से दक्ष बनाना अभी शेष है। इस दूरबीन के जरिए दर्जनभर से अधिक रिसर्च पेपर प्रकाशित हो चुके हैं, जिससे पता चलता है कि भविष्य में यह दूरबीन खगोल विज्ञान की दुनिया में नया कीर्तिमान स्थापित करेगी, परंतु इसके लिए दूरबीन में कई नवीन उपकरण लगाने की सख्त जरूरत है। इसके लिए कार्य तेजी से किया जा रहा है।

टीएमटी परियोजना में एरीज का लीड रोल

प्रो. दीपांकर ने कहा कि पांच देशों की संयुक्त टीएमटी परियोजना में एरीज लीड रोल अदा करेगा। इसके लिए एरीज त्वरित गति से कार्य कर रहा है। इसके परिणाम जल्द ही सामने आने शुरू भी हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि वह एरीज के वैज्ञानिक, इंजीनियर व कर्मचारियों के साथ टीम भावना के साथ कार्य कर एरीज को नई दिशा देने का प्रयास करेंगे।

देवस्थल में होगा विजिटर सेंटर

एरीज देवस्थल में विजिटर सेंटर स्थापित करेगा। इसके लिए जल्द ही योजना बना ली जाएगी। विजिटर सेंटर स्थापित हो जाने से खगोल विज्ञान के संबंध में पर्यटकोंं समेत युवाओं को जानकारी मिल सकेगी। साथ ही खगोल विज्ञान के क्षेत्र में युवाओं की रुचि बढ़ाने में भी यह मददगार साबित होगा।

यह भी पढ़ें : स्‍कीइंग के शौकीनों के लिए औली तैयार, मुनस्‍यारी आएं और बर्फबारी का लुत्‍फ उठाएं

chat bot
आपका साथी