Sahej Lo Har Boond : बागेश्वर के दिनेश ने एक महीने में जलसंरक्षण करने वाले दो हजार पौधे रोपे

Sahej Lo Har Boond दैनिक जागरण ने बीते माह पर्यावरण संरक्षण के लिए सहेज लो हर बूंद अभियान चलाया था। लोगों ने अभियान के बाद भी जगह-जगह कार्यक्रम जारी रखे। अभियान से प्रेरित होकर वृक्षप्रेमी दिनेश लोहुमी ने पौधरोपण के लिए जगह-जगह अभियान तेज कर दिया।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Tue, 06 Jul 2021 09:05 PM (IST) Updated:Tue, 06 Jul 2021 09:05 PM (IST)
Sahej Lo Har Boond : बागेश्वर के दिनेश ने एक महीने में जलसंरक्षण करने वाले दो हजार पौधे रोपे
वह द्यौरड़ा, चक्रव्रतेश्वर मंदिर में दो हजार से अधिक पौधों का रोपण कर चुके है।

जागरण संवाददाता, बागेश्वर : सहेज लो हर बूंद अभियान के से प्रेरित होकर कई लोग पौधरोपण और वनों के संरक्षण को आगे आए हैं। लोग जागरुक होकर जगह-जगह पर पौधरोपण के कार्यक्रम भी चला रहे हैं। ऐसे ही वृक्षप्रेमी है दिनेश लोहनी। अभियान के बाद से अब तक वह 25 गांवों में पौधरोपण कर रहे हैं। दो हजार से अधिक पौधों का रोपण भी अब तक कर चुके है।

आपके लोकप्रिय अखबार दैनिक जागरण ने बीते माह पर्यावरण संरक्षण के लिए सहेज लो हर बूंद अभियान चलाया था। जिसके तहत जगह-जगह कार्यक्रम आयोजित हुए। लोगों ने अभियान के बाद भी जगह-जगह कार्यक्रम जारी रखे। अभियान से प्रेरित होकर वृक्षप्रेमी दिनेश लोहुमी ने पौधरोपण के लिए जगह-जगह अभियान तेज कर दिया। उन्होंने गरुड़ तहसील के 25 गांवों में पौधारोपण करने का निर्णय लिया। वह द्यौरड़ा, चक्रव्रतेश्वर मंदिर में दो हजार से अधिक पौधों का रोपण कर चुके है।

अभी पाटली, धैना, मटेना, दर्शानी, भेटा, पाये, दुदिला, नौटा- कटारमल आदि गांवों समेत वे सरकारी कार्यालयों में पौधारोपण करना बाकि हैं। जहां भी वह गांव में पौधरोपण के लिए जा रहे है। वहां केवल पौधों को रोप नही रहे। इसके अलावा वह संरक्षण की भी अपील कर रहे है। उनका कहना है कि जब तक संरक्षण नही किया जाएगा इन अभियानों का कोई फायदा नही होने वाला है। जिनके पास घरों के आगे जगह नही घर में भी गार्डन बनाकर अपना सहयोग दे सकते है।

जलसंरक्षण वाले पौधों का रोपण

वृक्षप्रेमी दिनेश लोहनी कहा कि बरसात के मौसम पौधरोपण से पौधों के बचने की संभावना च्यादा रहती है। इसलिए हर किसी को इस मौसम में पौधे रोपित करने चाहिए। उन्होंने कहा कि जलसंरक्षण के पौधे रोपे जा रहे है। बांज, उतीस, फल्यांट, ङ्क्षरगाल, तेजपात, कासनी, पीली, चमेली, मोगरा आदि के पौधे रोपित किए जा रहे हैं। वृक्षप्रेमी दिनेश लोहनी ने बताया कि हर व्यक्ति जंगल बचाने की सोच ना रखें। एक पौधे का रोपण करें और उसका संरक्षण करें। अगर सभी ऐसा करेंगे तो जंगल वैसे ही हो जाएगा। लोगों को भी इसके संरक्षण के लिए जागरूक करें।

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किशन लोगों को पौधों के संरक्षण को कर रहे जागरूक

बागेश्वर : जागरण के सहेज लो हर बूंद अभियान से प्रेरित होकर वृक्षप्रेमी किशन ङ्क्षसह मलड़ा ने भी लोगों को जागरुक करना और पौधों के संरक्षण के अभियान को तेज किया। वह पिछले दो दशकों से पौधरोपण के कार्य में जुटे हुए हैं। उन्होंने पौधरोपण के लिए देवकी लघु वाटिका मंडलसेरा में वन महोत्सव मना रहे हैं। इस दौरान विभिन्न प्रजाति के पौधे रोपित कर रहे हैं। वृक्ष प्रेमी किशन मलड़ा ने बताया कि जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान बागेश्वर व गरुड़ मटेला में अकरकरा, अपराजिता, कासनी, पीली चमेली, मोगरा, लालजड़ी, मोरपंखी, निर्गुन्डी, तेजपत्ता, आंवला, पुत्रजीवा, हरड़, जामुन आदि औषधीय प्रजाति के पौधों का रोपण किया जा रहा है। लसेगसें को पौधों की सुरक्षा का संकल्प भी दिलाया जा रहा है।

वृक्ष प्रेमी मलड़ा ने कहा कि वातावरण बदलने के साथ ही पर्यावरणीय असुंतलन हो रहा है। जिसका सीधा असर मानव व प्राणी जीवन पर पड़ रहा है। पहाड़ों में जंगलों में आगजनी घटनाएं वायुमंडल को प्रदूषित बना रहे हैं, वही बारिश का पानी तेज बहाव से मिट्टी का कटान कर बाढ़ व बादल फटने की स्थिति उत्पन्न कर रहे हैं। जिससे जनधन की हानि हो रही है समय रहते इसे रोकना होगा अन्यथा इसके गंभीर परिणाम होंगे। उन्होंने कहा स्वच्छ आबोहवा के लिए अधिक से अधिक पौधारोपण जरूरी हैं। अभियान के दौरान प्राचार्य डा. एसएस धपोला, डा. प्रेम ङ्क्षसह मावड़ी, डा. दया सागर, डा. संजय गुरुरानी, डा. संदीप जोशी, डा. सीएस जोशी, डा. कैलाश प्रकाश चंदोला, जगदीश प्रसाद, दिनेश कुमार, राजकुमार, डा. केएस रावत, दिगम्बर ङ्क्षसह परिहार, आंचल परिहार आदि मौजूद थे।

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