ड्राइविंग सीखने के बाद भी नहीं मिला रोजगार, कार्बेट में महिला कराएंगी जंगल सफारी की हुई थी घाेषणा

महिलाओं को भी कार्बेट में जिप्सी चालक बनाकर रोजगार देने के लिए 21 मार्च को पूर्व सीएम तीरथ सिंह रावत ने घोषणा की थी। पूर्व सीएम ने कहा था कि कार्बेट प्रशासन ही महिलाओं को ऋण में नई जिप्सी दिलाने की कार्रवाई करेगा।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Thu, 09 Dec 2021 09:44 AM (IST) Updated:Thu, 09 Dec 2021 09:44 AM (IST)
ड्राइविंग सीखने के बाद भी नहीं मिला रोजगार, कार्बेट में महिला कराएंगी जंगल सफारी की हुई थी घाेषणा
चार माह से ज्यादा समय बीतने के बाद भी विभाग ने अब तक महिलाओं को जिप्सी नहीं दिलाई है।

जागरण संवाददाता, रामनगर : कार्बेट पार्क में महिलाओं को भी जिप्सी चालक के रूप में रोजगार देने की घोषणा पूरी तरह अमल में नहीं आ पाई। ड्राइविंग का प्रशिक्षण लेने के बाद भी महिलाएं चार माह से  खाली हैं। वह रोजगार मांगने के लिए घर परिवार बच्चे छोड़कर विभाग के चक्कर लगाने को मजबूर हैं। 

कार्बेट पार्क में पर्यटकों को पुरूष अब तक अपनी जिप्सियों से सफारी कराते रहे हैं। स्थानीय महिलाओं को भी कार्बेट में जिप्सी चालक बनाकर रोजगार देने के लिए 21 मार्च को पूर्व सीएम तीरथ सिंह रावत ने घोषणा की थी। पूर्व सीएम ने कहा था कि कार्बेट प्रशासन ही महिलाओं को ऋण में नई जिप्सी दिलाने की कार्रवाई करेगा। अपै्रल में विभाग ने 50 महिला चालकों को देहरादून भेजकर एक संस्थान से ड्राइविंग का प्रशिक्षण भी दिला दिया। प्रशिक्षण लिए चार माह से ज्यादा समय बीतने के बाद भी विभाग ने अब तक महिलाओं को जिप्सी नहीं दिलाई है।

जिप्सी नहीं होने से महिलाओं को प्रशिक्षण का कोई लाभ भी नहीं मिल पा रहा है। महिला जिप्सी चालकों ने बताया कि उन्होंने ड्राइविंग प्रशिक्षण के लिए पढ़ाई छोड़ी। किसी ने घर परिवार व बच्चे छोड़े। रोज आकर अधिकारियों से पूछ रहे हैं कि उन्हें कब तक वाहन दिलाया जाएगा। रोजगार के लिए आए दिन कार्बेट कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं। हर बार आश्वासन मिल रहा है। 

कार्बेट के वार्डन आरके तिवारी ने बताया कि कार्बेट पार्क में सफारी के लिए जिप्सियां संचालित होती है। लेकिन अब जिप्सियों का उत्पाद ही बंद हो गया है। तय किया जा रहा है कि सफारी के लिए जिप्सी के विकल्प के रूप में कौन सा वाहन महिलाओं को वीर चंद्र सिंह गढ़वाली योजना से दिलाया जाएगा।

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