फायर ब्रिगेड कर्मी की बेटी के इलाज को आगे आए डीजीपी, एक दिन में जुटाए 12 लाख रुपये

डीजीपी अशोक कुमार ने फायर मैन बलवन्त सिंह राणा के परिवार से बात कर हर सम्भव मदद का भरोसा दिलाया। उन्होंने पीजीआई लखनऊ में डाॅक्टरों से बात कर बच्ची का पूरा ध्यान रखने हेतु कहा गया। साथ ही जीवन रक्षा निधि से 12 लाख रुपए दिए गए।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Sat, 05 Jun 2021 10:59 PM (IST) Updated:Sat, 05 Jun 2021 10:59 PM (IST)
फायर ब्रिगेड कर्मी की बेटी के इलाज को आगे आए डीजीपी, एक दिन में जुटाए 12 लाख रुपये
उनकी बेटी का इलाज पीजीआई लखनऊ में चल रहा है।

जागरण संवाददाता, बागेश्वर : डीजीपी अशोक कुमार इन दिनों एक्शन में है। जहां वह कोरोना महामारी में आम लोगों की मिशन हौसला से मदद कर रहे है तो वहीं अपने जवानों के परिवार के साथ भी खड़े हैं। ऐसा ही कुछ देखने को मिला बागेश्वर में जहां उन्होंने बीमारी से पीड़ित अग्निशमन दल में कार्यरत जवान की बलवंत सिंह राणा की ढाई साल की बेटी के इलाज को एक दिन में 12 लाख की व्यवस्था कर दी। उनकी बेटी का इलाज पीजीआई लखनऊ में चल रहा है।

अग्निशमन दल में में तैनात फायरमैन बलवंत सिंह राणा की बच्ची अक्षिता को बोनमैरोे ट्रांसप्लांट के लिए 12 लाख रुपये की आवश्यकता थी। बीते 22 अप्रैल से वह अपना इलाज लखनऊ में करा रही थी। अस्पताल में पीड़िता की माँ हेमा साथ मे है। उनकी बेटी के इलाज के लिए पैसे नही थे। परिजनों ने इंटरनेट मीडिया में मदद की गुहार लगाई।

जब डीजीपी उत्तराखंड अशोक कुमार ने इंटरनेट मीडिया में यह देख तो उनका दिल पसीज गया। उन्होने तुरंत बागेश्वर एसपी कार्यालय से इस संदेश की सत्यता के बारे में जानकारी जुटाने के आदेश अपने कार्यालय को दिए। आनन फानन इस कार्यालय से उस कार्यालय फोन घनघनाए और डीजीपी को बताया गया कि संदेश शत प्रतिशत सत्य है।

फायरमैन राणा की बच्ची की जान बोनमैरो ट्रांसप्लांट से ही बच सकती है लेकिन इसके लिए राणा के पास धनराशि नहीं है। इस पर डीजीपी अशोक कुमार ने फायर मैन बलवन्त सिंह राणा के परिवार से बात कर हर सम्भव मदद का भरोसा दिलाया। उन्होंने पीजीआई लखनऊ में डाॅक्टरों से बात कर बच्ची का पूरा ध्यान रखने हेतु कहा गया। साथ ही तुरंत जीवन रक्षा निधि से फायर मैन बलवन्त सिंह राणा को 12 लाख रुपए अग्रिम के रूप में दिए गए।

उन्होंने यह संदेश भी दिया कि कोई भी पुलिसकर्मी पति-पत्नी अपने माता-पिता, किसी भी आयु के अविवाहित पुत्र व पुत्री के कल्याण के लिए इस निधि का उपयोग कर सकते हैं। बशर्ते लाभार्थी पुलिसकर्मी पर आश्रित होना चाहिए। डीजीपी की इस नेकदिली की पुलिस महकमे में जमकर प्रशंसा हो रही है।

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