आपदा का रेड अलर्ट होने के बावजूद चिर निद्रा में सोई रही सरकार : प्रीतम सिंह

कहा कि 24 घंटे पूर्व ही आपदा का रेड अलर्ट जारी करने के बावजूद सरकार का दैवीय आपदा प्रबंधन बिल्कुल फेल रहा। रेड अलर्ट के बावजूद सरकार चिर निद्रा में सोई रही वहीं अब भी राहत कार्य तीव्र गति से नहीं चलाए जा रहे।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Sat, 23 Oct 2021 05:48 PM (IST) Updated:Sat, 23 Oct 2021 05:48 PM (IST)
आपदा का रेड अलर्ट होने के बावजूद चिर निद्रा में सोई रही सरकार : प्रीतम सिंह
सरकार तीन दिनों तक लोगों को मौत के मुंह मे जाते हुए देखती रही।

जागरण संवाददाता, नैनीताल। बीते दिनों प्रदेश में अतिवृष्टि से हुए भारी नुकसान को लेकर नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने भाजपा सरकार को आड़े हाथ लिया है। उन्होंने कहा कि 24 घंटे पूर्व ही आपदा का रेड अलर्ट जारी करने के बावजूद सरकार का दैवीय आपदा प्रबंधन बिल्कुल फेल रहा। रेड अलर्ट के बावजूद सरकार चिर निद्रा में सोई रही, वहीं अब भी राहत कार्य तीव्र गति से नहीं चलाए जा रहे। गृह मंत्री अमित शाह ने प्रदेश का हवाई दौरा तो किया मगर अब तक केंद्र सरकार से कोई राहत पैकेज की घोषणा नहीं की गई है। 

शनिवार को नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह नैनीताल पहुंचे। जहां नैनीताल क्लब में उन्होंने पत्रकार वार्ता कर बारिश से प्रदेश भर में हुई भारी बारिश से नुकसान और जनहानि पर दुख व्यक्त किया। उन्होंने भाजपा सरकार पर वार करते हुए कहा कि मौसम विभाग द्वारा एक दिन पूर्व ही भारी बारिश को लेकर रेड अलर्ट जारी कर दिया गया था। साथ ही चेताया था कि प्रदेश में 2013 वाले हालात फिर हो सकते हैं। मगर मौसम विभाग की चेतावनी के बावजूद भाजपा सरकार ने दैवीय आपदा प्रबंधन की ओर कोई ध्यान नहीं दिया।

अलर्ट जारी होते ही सरकार को चाहिए था कि नदी नालों और तेज बहाव वाले क्षेत्रों के किनारे बसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर विस्थापित किया जाए। मगर सरकार तीन दिनों तक लोगों को मौत के मुंह मे जाते हुए देखती रही। जिस कारण आपदा से भारी जनहानि होने के साथ ही लोगों के मकान, जमीन और फसलें बर्बाद हो गई। कहा कि डबल इंजन का दावा करने वाली सरकार की कार्यों में कहीं भी डबल इंजन नहीं दिखाई दे रहा है।

आपदा प्रभावित क्षेत्रों में अभी भी लोग फंसे हुए हैं, सड़कों की बुरी हालत है। यदि सरकार इसका प्रबंधन करने में फेल हो रही है तो इस्तीफा दे। इस दौरान कार्यवाहक प्रदेश अध्यक्ष रणजीत रावत, पूर्व सांसद महेंद्र पाल, पूर्व विधायक सरिता आर्या, पालिकाध्यक्ष सचिन नेगी, भीमताल नगर पंचायत अध्यक्ष देवेंद्र चनौतियां, मुन्नी तिवारी, सभासद रेखा आर्य, गोपाल बिष्ट, निर्मला चंद्रा, त्रिभुवन फर्त्याल, सूरज पांडे, जीनु पांडे, संजय कुमार समेत तमाम लोग मौजूद रहे।

पार्टी में वापसी की इच्छा रखने वाले उनके संपर्क में नहीं

बीते दिनों  कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य व पूर्व विधायक संजीव आर्य की घर वापसी के बाद अब कुछ और भाजपा नेताओं की भी घर वापसी के कयास लगाए जा रहे हैं। ऐसे में पत्रकारों ने नेता प्रतिपक्ष से हरक सिंह रावत की घर वापसी को लेकर सवाल किया तो उन्होंने कहा कि कांग्रेस में कौन घर वापसी कर रहा है या कौन बाहर जा रहा है उनसे उनका कोई संपर्क नहीं है।

हालांकि राजनीति के क्षेत्र में किसी के लिए कभी दरवाजे बंद नहीं होते। बागियों की घर वापसी अथवा अन्य लोगों को पार्टी में शामिल करने का निर्णय केंद्रीय नेतृत्व द्वारा ही लिया जाएगा। उनकी इतनी हैसियत नहीं है कि वह किसी को पार्टी में शामिल करने अथवा निकालने का कार्य कर सकें। उन्होंने कहा कि 2022 में प्रदेश में बड़ा परिवर्तन देखने को मिलेगा। आम व्यक्ति भाजपा सरकार में बढ़ती महंगाई और झूठी घोषणाओं से परेशान हो चुकी है। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस भाजपा को कड़ी शिकस्त देगी।

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