हर थाने-चौकी में महिला पुलिसकर्मी की तैनाती जरूरी : राज्य महिला आयोग अध्यक्ष

कई बार महिलाओं की शिकायत रहती है कि उनकी थाने-चौकियों में पुलिस नहीं सुनती है। ऐसे में ये जरूरी है कि हर थाने-चौकी में एक-एक महिला कांस्टेबल या महिला अफसर की तैनाती होनी जरूरी है। शनिवार को पत्रकार वार्ता में यह बात महिला आयोग की अध्यक्ष विजय बड़थ्वाल ने कही।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Sat, 20 Feb 2021 07:22 PM (IST) Updated:Sat, 20 Feb 2021 07:22 PM (IST)
हर थाने-चौकी में महिला पुलिसकर्मी की तैनाती जरूरी : राज्य महिला आयोग अध्यक्ष
कहा कि डीपीजी को पत्र लिखकर महिला पुलिसकर्मियों की तैनाती के लिए कहा गया है।

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : महिला हिंसा और बाल उत्पीडऩ किसी भी राष्ट्र और समाज के लिए चिंताजनक है। कई बार महिलाओं की शिकायत रहती है कि उनकी थाने-चौकियों में पुलिस नहीं सुनती है। ऐसे में ये जरूरी है कि हर थाने-चौकी में एक-एक महिला कांस्टेबल या महिला अफसर की तैनाती होनी जरूरी है।

शहर के ऊंचापुल स्थित ब्लाक कार्यालय में शनिवार को आयोजित पत्रकार वार्ता में यह बात उत्तराखंड महिला आयोग की अध्यक्ष विजय बड़थ्वाल ने कही। उन्होंने कहा कि महिलाओं की शिकायत रहती है कि उनके साथ घरेलू ङ्क्षहसा होने पर वे शिकायत लेकर नजदीकी थाने, चौकी में जाती है जहां, पुलिस उनकी नहीं सुनती है। कहा कि ङ्क्षहसा के मामलों से निपटने के लिए आयोग को पुलिस की मदद की जरूरत है। कहा कि डीपीजी को पत्र लिखकर महिला पुलिसकर्मियों की तैनाती के लिए कहा गया है। जिससे थाने-चौकी जाने पर पीडि़त महिलाओं को कोई झिझक न रहे। पत्रकार वार्ता में आयोग की उपाध्यक्ष शायरा बानो, ब्लाक प्रमुख हल्द्वानी रूपा देवी भी मौजूद रही।

उत्तराखंड में फास्ट ट्रैक कोर्ट जरूरी

महिला आयोग की अध्यक्ष विजय बड़थ्वाल ने कहा कि महिला और बाल ङ्क्षहसा में लिप्त लोगों को समय पर दंड मिलना जरूरी है। ङ्क्षहसाओं के मामले में पीडि़त को त्वरित न्याय दिलाने के लिए उत्तराखंड में फास्ट ट्रेक कोर्ट जरूरी है।

हिंसा के 900 मामले निपटाए

बड़थ्वाल ने कहा कि इस साल अब तक महिला हिंसा के करीब 1200 मामले आयोग को प्राप्त हुए हैं। जिसमें से 900 का निस्तारण किया जा चुका है। शेष मामलों पर कार्रवाई गतिमान है। बताया कि यह जागरूकता का ही नतीजा है कि अब महिलाएं अपने साथ होने वाले अपराधों के विरुद्ध खुलकर बोल रही हैं।

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