बागेश्वर में सांस्कृतिक दलों का आडिशन स्थगित करने की मांग की, तहसीलदार को सौंपा ज्ञापन
सूचना विभाग उततराखंड के सभी सांस्कृतिक दलों का आडिशन करा रहा है। जबकि कोविड 19 महामारी के चलते लगभग 18 माह से अधिक समय से कलाकार बेरोजगारी का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे समय में आडिशन करना कलाकारों के हित में नहीं है।
जागरण संवाददाता, बागेश्वर : कुमाऊं लोक कलाकार महासंगठन ने सांस्कृति दलों का आडिशन स्थगित करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि वह सूचना एवं लोकसंपर्क विभाग से पंजीकृत दल हैं। सूचना विभाग उततराखंड के सभी सांस्कृतिक दलों का आडिशन करा रहा है। जबकि कोविड 19 महामारी के चलते लगभग 18 माह से अधिक समय से कलाकार बेरोजगारी का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे समय में आडिशन करना कलाकारों के हित में नहीं है। उन्होंने कहा कि यदि कलाकारों के साथ अन्याय हुआ तो वह उग्र आंदोलन को बाध्य होंगे।
सोमवार को कलाकार संघ ने तहसीलदार के माध्यम से महानिदेशक सूचना एवं लोकसंपर्क विभाग को पत्र भेजा। उन्होंने कहा कि अगले वर्ष 2022 में विधानसभा चुनाव होने हैं। कुछ समय के बाद आचार संहिता भी लग जाएगी। कोविड-19 महामारी के तहत चारधाम यात्रा और अन्य मेलों, महोत्सवों, सांस्कृतिक कार्यक्रमों में सरकार ने रोक लगाई है। उन्होंने कहा कि बेरोजगार कलाकार अभी आडिशन के लिए तैयार नहीं हैं। उन्होंने आडिशन पर भी रोक लगाने की मांग की। ऐसा नहीं होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी। इस दौरान कुमाऊं लोक कलाकार महासंगठन के अजय चंदोला, भास्कर तिवारी, आनंद प्रसाद गड़िया, राजेंद्र कुमार, ज्योति, अर्जुन देव आदि मौजूद थे।
83 वर्षीय बुजुर्ग हयात राम आमरण अनशन पर बैठे
बागेश्वर : सड़क निर्माण में कटी नाप भूमि का मुआवजा नहीं मिलने पर 82 वर्षीय हयात राम और 47 वर्षीय महेश राम ने लोनिवि दफ्तर पर आमरण अनशन शुरू कर दिया है। उनके समर्थन में कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री बालकृष्ण भी अनशन पर बैठ गए हैं। उन्होंने मुआवजा मिलने तक अनशन जारी रखने का एलान कर दिया है।
पगना मोटर मार्ग की कटिंग लगभग 15 वर्ष पहले हुई। जिसमें हयात राम ने बताया कि उनकी ढ़ाई नाली भूमि भी कट गई। लेकिन उन्हें अभी तक मुआवजा नहीं मिल सका है। वह कई बार विभाग के चक्कर काटते रहे। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो सकी। वहीं सात-रतबे मोटर मार्ग में महेश राम उनकी भूमि काटी गई। लेकिन वह भी मुआवजे के लिए अभी तक परेशान हैं। उन्होंने कहा कि विभागीय अधिकारी केवल आश्वासन देते रहे। उन्हें नौकरी के अपने साल बिताए और वह दूसरे स्थानों को चले गए। लेकिन उनकी मुआवजे की फाइलें दबा दी गईं। उन्होंने कहा कि वह गरीब हैं और खेती से उनकी आजीविका चलती है। इधर, कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री बालकृष्ण ने कहा कि वह मुआवजा मिलने तक अनशन पर बैठे रहेंगे। इस मौके पर बहादुर सिंह बिष्ट, महेश पंत, अर्जुंन देव, रमेश चंद्र आदि मौजूद थे।