प्रथम वर्ष की परीक्षा नहीं कराने की मांग, एमबीपीजी कालेज में नारेबाजी

विद्यार्थियों ने शारीरिक दूरी का भी पालन नहीं किया। उनका कहना था कि ऑनलाइन कक्षाएं सुचारू रूप से संचालित नहीं हुई है। कुछ कक्षाएं चली भी तो कभी नेटवर्क प्रॉब्लम तो कभी कुछ और। इसलिए ठीक से पढ़ाई नहीं हो सकी।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Mon, 02 Aug 2021 11:07 PM (IST) Updated:Mon, 02 Aug 2021 11:07 PM (IST)
प्रथम वर्ष की परीक्षा नहीं कराने की मांग, एमबीपीजी कालेज में नारेबाजी
विश्वविद्यालय को परीक्षा के बजाय प्रमोट करने का विकल्प तलाशना चाहिए।

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : एमबीपीजी कॉलेज अभी खुला नहीं है, लेकिन धरना-प्रदर्शन और नारेबाजी शुरू हो गई है। सोमवार को एनएसयूआइ कार्यकर्ताओं ने प्रथम वर्ष की परीक्षा नहीं कराने की मांग को लेकर परिसर में धरना दिया और जमकर नारे लगाए।

कार्यकर्ताओं के समर्थन में बैठे तमाम विद्यार्थियों ने शारीरिक दूरी का भी पालन नहीं किया। उनका कहना था कि ऑनलाइन कक्षाएं सुचारू रूप से संचालित नहीं हुई है। कुछ कक्षाएं चली भी तो कभी नेटवर्क प्रॉब्लम तो कभी कुछ और। इसलिए ठीक से पढ़ाई नहीं हो सकी। एनएसयूआइ के जिलाध्यक्ष विशाल भोजक ने कहा कि लॉकडाउन के चलते महाविद्यालय बंद रहा। विश्वविद्यालय स्नातक प्रथम वर्ष की परीक्षा कराना चाहता है। यह ठीक नहीं है। विश्वविद्यालय को परीक्षा के बजाय प्रमोट करने का विकल्प तलाशना चाहिए। इस दौरान एनएसयूआइ की कॉलेज इकाई के अध्यक्ष सूजल सचिन, विधानसभा क्षेत्र अध्यक्ष अमन गुप्ता, रक्षित बिष्ट, नाजिम अंसारी, संजय जोशी, उदिता उप्रेती, कोमल, निकिता, हिमानी भट्ट, प्रीति आर्य, स्वाति, सिद्धांत जोशी, सौरभ कुमार आदि शामिल रहे।

विद्यार्थियों से मांगा ऑनलाइन कक्षा का ब्योरा

हल्द्वानी: कोरोनाकाल में डिग्री कॉलेजों के विद्यार्थियों के लिए भी ऑनलाइन कक्षाएं चलाई जानी थी। इसमें अधिकांश शिक्षकों ने ऑनलाइन कक्षाएं संचालित की, लेकिन कई शिक्षक ऐसे भी थे, जिन्होंने कोई रुचि नहीं ली। सोमवार को स्नातक प्रथम वर्ष के तमाम विद्यार्थियों ने प्राचार्य डा. बीआर पंत ने शिकायत की। प्राचार्य ने विद्यार्थियों से ही ऑनलाइन कक्षा पढ़ाए जाने के बारे में विवरण मांगा है।

डा. पंत ने बताया कि विद्यार्थियों कहना था कि हमारी ऑनलाइन क्लास भी नहीं हो सकी। तमाम दिक्कतें आई। इसे लेकर छात्र-छात्राओं से कहा गया कि किस शिक्षक की ऑनलाइन क्लास हुई और किस शिक्षक की नहीं हुई। किन विषयों में दिक्कत आई। इसके बारे में पूरी जानकारी लिखित में दें। इसके बाद आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। कुछ न कुछ समाधान निकाला जाएगा।

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