बाजपुर के बहुचर्चित 20 गांव के पट्टे की भूमिधरी कराने वाले ग्राीमणों के पक्ष में आया फैसला

बाजपुर तहसील के बहुचर्चित 20 गांव की 5838 एकड़ भूमि प्रकरण को लेकर गुरुवार को जिला कलक्ट्रेट न्यायालय ने हजारों परिवारों को उनके पक्ष में फैसला सुनाकर बहुत बड़ी राहत दी है। पट्टे पर लेने के बाद भूमिधरी कराने वालों को पूर्व की भांति सभी छूट प्रदान कर दी है।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Thu, 16 Sep 2021 04:28 PM (IST) Updated:Thu, 16 Sep 2021 04:28 PM (IST)
बाजपुर के बहुचर्चित 20 गांव के पट्टे की भूमिधरी कराने वाले ग्राीमणों के पक्ष में आया फैसला
बाजपुर के बहुचर्चित 20 गांव के पट्टे की भूमिधरी कराने वाले ग्राीमणों के पक्ष में आया फैसला

बाजपुर, जागरण संवाददाता : बाजपुर तहसील क्षेत्र के बहुचर्चित 20 गांव की 5838 एकड़ भूमि प्रकरण को लेकर गुरुवार को जिला कलक्ट्रेट न्यायालय ने हजारों परिवारों को उनके पक्ष में फैसला सुनाकर बहुत बड़ी राहत दी है। पट्टे पर लेने के बाद भूमिधरी कराने वालों को पूर्व की भांति सभी छूट प्रदान कर दी है। जबकि मूल खातेदारों की खरीद बिक्री पर रोक के आदेश यथावत है और इस मामले में एक अक्टूबर को सुनवाई है।

अधिवक्ता अशोक कुमार शर्मा के मुताबिक सूद परिवार द्वारा लीज पर अथवा जो भूमि बेची गई थी, उससे 12 गांव के लोग प्रभावित थे। उनमें सूद फैमिली के 28 खातेदारों को छोड़ते हुए बाकी सभी लोगों को पूर्व की भांति अधिकार प्रदान कर दिए गए हैं। इसी प्रकार हरप्रसाद भटनागर की भूमि के प्रकरण में आठ गांव के लोग प्रभावित थे, लेकिन हरप्रसाद भटनागर ने वर्ष, 1943 में ही पूरी जमीन एसएन शर्मा एंड पार्टी को बेच दी थी। जिससे न्यायालय द्वारा एसएन शर्मा एंड पार्टी को पुनः नोटिस जारी करने उनके द्वारा लीज पर अथवा बेची गई जमीन के मालिकों को पूर्ण अधिकार पूर्व की भांति दे दिए गए हैं।

वर्तमान में सूद फैमिली व शर्मा एंड पार्टी के पास जो भूमि शेष है, उस पर रोक बरकरार रहेगी। आदेश में कहा गया है कि आठ गांव की भूमि के संदर्भ में हरप्रसाद भटनागर के नाम से नोटिस जारी हुए थे, जिनकी मृत्यु हो चुकी है। ऐसे में उनके द्वारा मूल खातेदार एसएन शर्मा एंड पार्टी को उन्हें नोटिस जारी किए जाएंगे। एक अक्टूबर को सुनवाई शुरू की जाएगी। उक्त फैसले को लेकर लोगों ने बड़ी राहत महसूस की है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मामले के निस्तारण के लिए जिलाधिकारी को 30 अगस्त तक निर्देश दिए थे। डीएम रंजना राजगुरु ने भूमिधरी कराने वालों के पक्ष में फैसला सुनाया है।

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