भारी बारिश के कारण टनकपुर-तवाघाट हाईवे पर कई स्थानों पर आया मलबा, कोसी पंप में जमा सिल्ट
कुमाऊं में दो दिनों से लगातार भारी बारिश का सिलसिला जारी है। पर्वतीय जिलों में सर्वाधिक बारिश हो रही है। पिथौरागढ़ और बागेश्वर में रातभर बारिश हुई। वहीं कुमाऊं भर में आसमान मेें बादलों को डेरा है। पिथौरागढ़ में अब भी बारिश जारी है।
पिथौरागढ़, जागरण संवाददाता : कुमाऊं में दो दिनों से लगातार भारी बारिश का सिलसिला जारी है। पर्वतीय जिलों में सर्वाधिक बारिश हो रही है। पिथौरागढ़ और बागेश्वर में रातभर बारिश हुई। वहीं कुमाऊं भर में आसमान मेें बादलों को डेरा है। पिथौरागढ़ में अब भी बारिश जारी है। टनकपुर-तवाघाट हाईवे पर पिथौरागढ़ धारचूला के मध्य तीन स्थानों गुड़ोली, पिनौरा और लखनपुर के पास मलबा आने से आवागमन बंद है। पिथौरागढ़ थल मार्ग मुवानी के पास बंद है। थल मुनस्यारी मार्ग नाचनी के पास बंद है। दोनों मार्गों के जल्दी खुलने की संभावना है। पिथौरागढ़ तहसील के नेपाल सीमा पर स्थित हल्दू गांव में हुआ भूस्खलन।
अल्मोड़ा का कोसी पंप हाऊस ठप, जलाभूर्ति रुकी
पर्वतीय क्षेत्रों में बीते रोज मूसलधार बारिश ने सड़कों के साथ पेयजल योजनाओं पर भी कहर बरपाया। साथ ही सर्दी सेस लेकर फायर सीजन की शुरूआत तक भीषण वनाग्नि के दुष्परिणाम भी सामने आने लगे हैं। आग लगने से कमजोर पड़ चुकी वन क्षेत्रों की टनों के हिसाब से बहुमूल्य मिट्टी अतिवृष्टि में बहकर कोसी नदी में समा गई। इससे कोसी पंप हाउस में भारी मात्रा में सिल्ट जमा होने से तीनों पंपों ने काम करना बंद कर दिया है। नतीजतन, अल्मोड़ा नगर व आसपास के तीन सौ गांवों की जलापूर्ति ठप हो गई। करीब 90 हजार की आबादी को पेयजल समस्या से जूझना पड़ रहा है।
यहां भी योजनाओं पर पड़ा असर
बीती गुरुवार को अतिवृष्टि से सोमेश्वर व दौलाघट के बीच भारी मात्रा में सिल्ट आने से कोसी जलागम में बना पंप हाउस ठप हो गया। तीनों पंपों के बंद होने से बीती शाम बमुश्किल सर्किट हाउस स्थित जलाशय में ही पानी स्टाॅक किया गया। इसके अलावा एडम्स, पातालदेवी, नरसिंहबाड़ी व कंकरकोटी जलाशय बेपानी हो गया है। अवर अभियंता अर्जुन नेगी के मुताबिक तकनीकी टीम ने गाद निकालना शुरू कर दिया है। शाम तक पंप चालू होने की उम्मीद है।
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